(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Greater Noida: 'स्मार्ट विलेज योजना' में ग्रेटर नोएडा के ये 16 गांव भी हुए शामिल, जानिए- कैसे होंगे स्मार्ट, क्या मिलेंगी सुविधाएं
Smart Village Scheme: बता दें कि ग्रेडर नोएडा के 14 गांवों का चयन पहले ही इस योजना में हो चुका है. इन 16 गांवों को विकसित करने में करीब 160 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है.
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के 16 गांवों को इस साल स्मार्ट विलेज के तौर पर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है. पिछले साल ग्रेटर नोएडा के 14 गांवों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू किया गया था. इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कंसल्टेंट का चयन करके ड्रोन सर्वे के जरिए गांवों की डीपीआर तैयार कराएगा. बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास 124 गांव हैं. धीरे-धीरे इन सभी गांवों को स्मार्ट बनाया जाएगा. प्राधिकरण के सीईओ सुरेंद्र सिंह के निर्देश पर इस साल 16 गांवों को स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इन 16 गांवों को विकसित करने में करीब 160 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है. एस्टीमेट बनवाकर टेंडर निकालने के बाद कंपनी का चयन करके गांवों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
कौन से होंगे 16 स्मार्ट विलेज
जिन 16 गांवों को स्मार्ट विलेज योजना में शामिल किया गया है, उनमें घोड़ी -बछेड़ा, कुलेसरा, खैरपुर गुर्जर, इटेहरा, हैबतपुर, धूम मानिकपुर, मिलक लच्छी, देवला, कैलाशपुर, कासना, डाढ़ा, ऐच्छर, खानपुर, मुरशदपुऱ लुक्सर व साकीपुर गांव शामिल हैं. अब इन गांवों की डीपीआर बनवाने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा, इसके बाद ड्रोन सर्वे कर डीपीआर बनाया जाएगा.
दो चरणों में पूरा होगा काम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने बताया कि गांवों को स्मार्ट बनाने का काम दो चरणों में पूरा होगा. पहले चरण में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. यानी हर घर को पानी व सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा, सीवर लाइनों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा, नाली बनाई जाएंगी और हर गली में स्ट्रीट लाइट होगी. वहीं, दूसरे चरण में लाइब्रेरी, वाई-फाई की सुविधा, युवाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर, स्मार्ट क्लास बोर्ड आदि की सुविधा दी जाएगी.
स्मार्ट विलेज में क्या होगा खास
प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक स्मार्ट विलेज काफी खास होंगे, क्योंकि इनमें सड़कों, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति और बिजली के सभी काम होंगे. इसके अलावा इनमें सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर और प्राथमिक विद्यालय का विकास किया जाएगा. इन गांवों में हॉर्टिकल्चर और लैंड स्केपिंग के काम होंगे. सबसे बड़ी बात लोगों को वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी. खेल के लिए मैदान को विकसित किया जाएगा, तालाबों और सौर ऊर्जा का संरक्षण किया जाएगा, कूड़े का प्रबंधन होगा, स्ट्रीट फर्नीचर लगाया जाएगा और साथ में युवाओं को हुनरमंद बना कर रोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा.
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