UPSC Aspirant Suicide Case Update: दिल्ली के मुखर्जी नगर में पीजी में रह कर यूपीएससी मेंस की तैयारी कर रहे छात्र दीपक मीणा की संदिग्ध मौत के रहस्य पर से दिल्ली पुलिस ने पर्दा हटा दिया है. दिल्ली पुलिस की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृतक छात्र द्वारा खुदकुशी करने का खुलासा हुआ है. दीपक की लाश उसके कोचिंग इंस्टिट्यूट से थोड़ी दूरी पर झाड़ियों में पेड़ से लटकी मिली थी. इससे आत्महत्या की आशंका जताई जा रही थी.


पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था, इसलिए सभी पहलुओं से मामले की छानबीन की जा रही थी. लेकिन अब पुलिस की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि दीपक ने खुदकुशी की थी. हालांकि, इस बात का अब तक पता नहीं चल पाया है कि क्या वजह थी जो वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गया था.






पेड़ से लटकी मिली थी दीपक की लाश
बाहरी-उत्तरी जिले के डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया, ''जिस तरह से यूपीएससी की तैयारी कर रहे दीपक की लाश पेड़ से लटकी मिली थी, उससे यह स्पष्ट लग रहा था कि उसने खुदकुशी की है. लेकिन इस मामले में अन्य पहलुओं से भी जांच की गई. मौके पर फॉरेंसिक और क्राइम टीम को बुला कर जांच कराने के साथ फोटोग्राफी कराई गई थी और उसकी बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेजा गया था. इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था और बाकायदा इसकी रिकॉर्डिंग भी की गई. रिपोर्ट में आत्महत्या किये जाने की पुष्टि हुई है.''


वहीं, दीपक के मोबाइल फोन को खंगालने पर यूट्यूब और गूगल पर आत्महत्या करने के तरीकों को सर्च किये जाने का पता चला. जबकि मौके से बरामद शराब की बोतल भी दीपक ही लेकर गया था, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेजों की जांच से हुई.


मेंस की तैयारी करने आया था दिल्ली
बता दें कि, राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला दीपक कुमार मीणा, दिल्ली के मुखर्जी नगर में पीजी में रह कर यूपीएससी मेंस की तैयारी कर रहा था. उसने घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई करके यूपीएससी की प्रीलिमिनरी परीक्षा पास की थी, जिसके बाद वह जुलाई में दिल्ली आकर उसी कोचिंग में पढ़ाई कर मेंस की तैयारी में जुट गया, जिससे ऑनलाइन पढ़ाई कर उसने प्री एग्जाम को क्लियर किया था. लेकिन बीते 11 सिंतम्बर से वह रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया और 10 दिनों के बाद पिछले शुक्रवार 20 सिंतम्बर को उसकी लाश इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ दूर स्थित झाड़ियों के पास पेड़ से लटकी मिली थी.


10 सितंबर से नहीं कि थी दीपक ने अपने परिजनों से बात
दीपक के पिता चंदूलाल मीणा ने बताया कि दीपक काफी होनहार छात्र था और यूपीएससी की पहली परीक्षा पास करने पर पूरे बालियान गांव में खुशी का माहौल था. उसे कोचिंग वालों ने पढ़ने के लिए दिल्ली बुलाया था, जिसके बाद वह पहली बार जुलाई में दिल्ली आया और मुखर्जी नगर पीजी में रहकर तैयारी करने लगा.


उन्होंने बताया कि हर रात 8 बजे दीपक उनसे बात किया करता था, लेकिन 10 तारीख की रात से दीपक का कोई फोन नहीं आया था. जिसके बाद उन्होंने 13 सितंबर को दीपक को कॉल किया तो उसका नंबर बंद मिला.


14 तारीख को थाने में पुलिस को दी थी शिकायत 
दीपक के माता पिता गांव के कुछ लोगों के साथ दिल्ली आए और मुखर्जी नगर पीजी गए. जहां उसके दो रूममेट ने बताया कि वह 11 तारीख को 11 बजे के बाद से नहीं आया. इस पर उन्होंने आसपास दीपक की तलाश की, इंस्टिट्यूट में भी पता किया. लेकिन उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चला. हार कर 14 तारीख को वे मुखर्जी नगर थाने पहुंचे और बेटे दीपक कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की शिकायत पुलिस को दी थी.


20 सितंबर को पेड़ से लटकी मिली थी लाश
झाड़ियों में दीपक की लाश पेड़ से लटकी मिलने के बाद यूपीएससी के छात्रों ने उसकी मौत को लेकर कैंडल मार्च भी निकाला था और आरोपी को तुरंत पकड़ने की मांग की थी. दीपक के परिजनों ने भी पुलिस की सुसाइड वाली थ्योरी पर अंदेशा जाहिर किया था और इंस्टिट्यूट पर भी लापरवाही का आरोप लगाया था.


उनका कहना था कि, अगर कोई छात्र क्लास में नहीं आ रहा है तो उनकी तरफ से परिवार को सूचना देनी चाहिए थी. लेकिन उनके पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है कि वह कितने बजे आया और कितने बजे गया.


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