JMI RCA Coaching Delhi For UPSC Exams: यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा (UPSC Civil Services) का रिजल्ट (UPSC Results) 30 मई को जारी हो गया है. अगर इस बार परीक्षा के परिणामों कि बात की जाए तो टॉप तीन पोजीशंस पर लड़कियां (UPSC Toppers) काबिज हैं. यूपीएससी की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के बिजनौर (Bijnor, Uttar Pradesh) की श्रुति शर्मा (UPSC Topper Shruti Sharma) ने टॉप किया है, दूसरे स्थान पर रहीं अंकिता अग्रवाल (Ankita Agrawal) और तीसरे पर हैं गामिनी सिंघल (GaminiSinghal). ऐसा मानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में कोचिंग का रोल बहुत अहम होता है, ऐसे में श्रुति ने अपने टॉप करने का श्रेय जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (JMI Residential Coaching Academy) को दिया है. इस कोचिंग के जरिए ही उन्हे यूपीएससी की परीक्षा में ऐसा रिजल्ट मिला.


क्या है रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी?


श्रुति ने जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (JMI RCA Delhi) में रहकर यूपीएससी (UPSC) के लिए पढ़ाई की. अब आपके मन मे सवाल आएगा कि आखिर रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी क्या है? इस कोचिंग के इंचार्ज प्रोफेसर डॉ अब्दुल हलीम ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए बताया कि रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी यानि आरसीए (RCA) हर साल लगभग 100 बच्चों को मुफ्त में कोचिंग करवाती है. यहां पर कोचिंग बिलकुल मुफ्त दी जाती है. इसकी फंडिंग यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और यूनिवर्सिटी मिलकर करते हैं. जो बच्चे यहां पढ़ते हैं उनसे एक रुपए नही लिए जाते, बल्कि वो यहां रह कर एक वातावरण हासिल करते हैं जहां वह पढ़ सकें और यूपीएससी क्लियर कर सकें.


कितने और किन बच्चों को दी जाती है कोचिंग -


अगर आरसीए की बात की जाए तो आरसीए में कोचिंग करना कोई आसान बात नहीं है क्योंकि यहां पढ़ने के लिए भी पहले लोगों को इंट्रेंस देना पड़ता है और वह इंट्रेंस काफी कठिन होता है. डॉक्टर हलीम बताते हैंकि स्टूडेंट्स के लिए आरसीए का इंट्रेंस क्लियर करना यूपीएससी को क्लियर करने जैसा ही होता है. उन्होंने बताया कि हर साल 100 बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है और देश भर में तकरीबन 10 आरसीए चलाए जा रहे हैं.


एक खास वर्ग को मिलती है मुफ्त कोचिंग -


इस कोचिंग में अनुसूचित जाति, जनजाति और माइनॉरिटी में आने वाले बच्चों को कोचिंग दी जाती है लेकिन लड़कियों की कोचिंग सबसे महत्वपूर्ण होती है.  डॉक्टर हलीम बताते है कि महिलाओं के लिए पढ़ना चुनौती से कम नहीं हैं ऐसे में आरसीए के लिए महिलाओं की शिक्षा बहुत अहम है.


पढ़ाई का माहौल देता है आरसीए -


जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी की बात की जाए तो यहां पर लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. इसके साथ ही यहां एक ऐसा वातावरण बच्चों के लिए बनाया जाता है जिससे वह सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें. यही वजह है की यहां से हर साल बच्चे यूपीएससी क्लियर करते हैं. इस बार भी यहीं की श्रुति शर्मा के टॉप करने के अलावा आरसीए से कुल 22 और बच्चों ने यूपीएससी परीक्षा क्लियर की है.


शिक्षकों की भूमिका रहती है अहम -


डॉक्टर हलीम बताते हैं कि किसी भी बच्चे के सफल होने के पीछे उसके शिक्षक, परिवार वालों की और जो लोग उनके साथ इस यात्रा में रहते हैं उनकी भी भूमिका काफी अहम होती है. वह बताते हैं कि अगर श्रुति की बात की जाए तो उन्होंने उसे खुद पढ़ाया है. श्रुति पढ़ने में बहुत अच्छी है और सिर्फ श्रुति ही नहीं बल्कि जितने बच्चे यूपीएससी की कोचिंग लेने आरसीए आते हैं वह सब काफी मेधावी होते हैं. ऐसे में सपोर्ट करने वाले प्रोफेसर, आरसीए का माहौल यह सब बच्चों को एग्जाम क्लियर करने में काफी मदद करता है.


मनोबल की कमी से हार जाते हैं कैंडिडेट्स -


यूपीएससी के एंट्रेंस की बात करते हुए डॉक्टर हलीम बताते हैं कि यह परीक्षा क्लियर करना बहुत बड़ी बात होती है लेकिन अक्सर बच्चे सही विषय का, सही भाषा का चुनाव नही कर पाते. यही वजह होती है कि वो एक बार या दो बार में एग्जाम क्लियर नही कर पाते, इसलिए जरूरी है की बच्चों को यह पता रहे या उन्हें कोई बताने वाला हो की आखिर उन्हें कैसे परीक्षा की तैयारी करनी है. बच्चों को इस वक्त इमोशनल सपोर्ट की काफी जरूरत होती है इसलिए उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए.


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