Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट-होल माइनर्स (Rat-Hole Miners) से मुलाकात की. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने रैट-होल माइनर्स की टीम को सम्मानित भी किया. उन्होंने दिल्ली और देश के लोगों की तरफ से पूरी टीम को धन्यवाद कहा. रैट-होल माइनर्स की टीम ने इस मौके पर सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को किस तरह निकाला गया, इसका पूरा वाकया सुनाया. दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी (Atishi) ने यह जानकारी दी.


साथ ही आतिशी ने रैट-होल माइनर्स की टीम और उनकी कंपनी को इस काम के लिए बधाई दी. आतिशी ने बताया, "जब रैट-होल माइनर्स की टीम को केंद्र सरकार ने पेमेंट देने के लिए कहा कि इन सभी ने कहा कि ये हम इपनी देश भक्ति के भाव से कर रहे हैं. अपने भाइयो को बचाने के लिए कर रहे हैं और इस रेस्क्यू ऑपरेशन के जो समय हमने दिया है, जो मशिनरी हमने लगाया है, इसके लिए हम एक रुपया नहीं लेंगे."



दिल्ली जल बोर्ड के लिए भी काम करते हैं कई रैट-होल माइनर्स


गौरतलब है कि उत्तराखंड में 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 41 श्रमिक उसके भीतर फंस गए थे. 17 दिनों तक अनेक एजेंसियों के अभियान के बाद सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सुरंग से मलबा हटाते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन खराब हो जाने के बाद खुदाई के लिए ‘रैट-होल खनन’ विशेषज्ञों की 12 सदस्यीय टीम को बुलाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि बचाव दल में शामिल लोगों में से कुछ दिल्ली जल बोर्ड के लिए सीवर लाइन और पाइपलाइन बिछाने का काम करते हैं. उत्तराखंड की सिलक्यारा सुंरग में बचाव अभियान के तहत क्षैतिज खनन के लिए 'ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड' और 'नवयुग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड' की ओर से 12 विशेषज्ञों को बुलाया गया था.


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