Vaccine for Children: कोरोना और ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए भी वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान कर दिया है. 3 जनवरी से 15 से 18 साल के किशोरों को भी कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री के इस फैसले का डॉक्टररों और एक्सपर्ट्स ने स्वागत किया हैं.


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन IMA के डॉक्टर रवि मलिक ने कहा प्रधानमंत्री ने बिल्कुल सही समय पर बच्चों के लिए वैक्सीन का ऐलान किया है क्योंकि महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच अभिभावक और बच्चे काफी डरे हुए थे, उन्होंने कहा कि देश में 41 फ़ीसदी ऐसे लोगों की संख्या है जो 18 साल से कम उम्र के हैं. ऐसे में इन लोगों को वैक्सीन की एक भी डोज़ नहीं लगी है लेकिन 3 जनवरी से 15 से 18 साल के उम्र के किशोरों को भी वैक्सीन लग जाएगी, जिससे कि वह भी सुरक्षा के घेरे में आ जाएंगे.


प्रधानमंत्री ने बूस्टर डोज का भी किया ऐलान
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए भी बूस्टर डोज यानी कि वैक्सीन के तीसरे टीके की मंजूरी दे दी है. जिसको लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि जिस प्रकार से ओमीक्रोन के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में यदि थर्ड वेब आती है तो सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स इससे सुरक्षित होंगे, क्योंकि उन्हें कोरोना का टीका लगे 10 से 11 महीने हो चुके हैं, ऐसे में उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो रही थी लेकिन अब 10 जनवरी से उन्हें भी कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा.
FAIMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के फैसले का किया स्वागत
इसके साथ ही फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन FAIMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बिल्कुल सही समय पर प्रधानमंत्री ने बच्चों बुजुर्गों और फ्रंटलइन वर्कर्स के लिए वैक्सीन के डोज़ का ऐलान किया है. क्योंकि मौजूदा समय में महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन ही सबसे जरूरी उपाय है. डॉक्टर कृष्णन ने कहा कि डॉक्टर्स भी काफी समय से बूस्टर डोज़ की मांग कर रहे थे क्योंकि डॉक्टर मरीजों के सबसे करीब होते हैं ऐसे में उनके लिए और उनके परिवार के लिए भी संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा रहता है, ऐसे में यदि हेल्थ केयर वर्कर्स को बूस्टर डोज लगा दी जाएगी, तो वह एक कॉन्फिडेंट के साथ मरीजों का इलाज करेंगे और महामारी से उनकी सुरक्षा भी रहेगी.


प्रधानमंत्री ने उठाया बेहतर कदम
वहीं सफदरजंग अस्पताल के सर्जन डॉक्टर कृष्ण राजभर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पीडियाट्रिक वैक्सीन लगाए जाने का ऐलान किया है. जो एक बेहतर कदम है क्योंकि लंबे समय से अभिभावक भी अपने बच्चों के लिए वैक्सीन की मांग कर रहे थे, कई अभिभावक ऐसे थे जो अपने बच्चों को वैक्सीन लगाने के लिए विदेश जा रहे थे. ऐसे में अब देश में ही 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों को वैक्सीन लग सकेगी.


साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक 90 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन का पहला डोज़ और 61 फ़ीसदी लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज़ लग चुके हैं. ऐसे में अब 18 साल से कम उम्र के किशोरों को भी वैक्सीन लगने के बाद वह सुरक्षित हो जाएंगे, इसके साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग जो किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं वह भी डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की तीसरी डोज़ यानी बूस्टर डोज ले सकेंगे.


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