(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shradha Murder Case: 29 अप्रैल को आएगा श्रद्धा हत्याकांड केस का फैसला, आफताब पूनावाला के खिलाफ आरोपों पर पूरी हुई बहस
Shraddha Walkar Murder Case Verdict: श्रद्धा वाकर की हत्या के बाद उसके शव के 35 टुकड़े करने के आरोपी आफताब पूनावाला के खिलाफ कोर्ट 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी. मामले की सुनवाई पूरी हो गई है.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में हुए सनसनीखेज श्रद्धा वाकर हत्याकांड मामले (Shraddha Walkar Murder Case) में अदालत 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी. साकेत कोर्ट (Saket Court) में शनिवार को आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) के खिलाफ आरोपों पर बहस पूरी कर हो चुकी है. इसी दौरान श्रद्धा वाकर के पिता ने अंतिम संस्कार करने के लिए उनके अवशेष जारी करने के लिए अदालत में अर्जी दी. इस पर दिल्ली पुलिस से 29 अप्रैल को जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया.
चार्जशीट में हुए कई बड़े खुलासे
फरवरी महीने में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में आफताब के कबूलनामे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. आरोपी ने बताया था कि कैसे उसने श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाया और फिर उन्हें पेट्रोल डालकर जला दिया. इतना ही नहीं, श्रद्धा की कई हड्डियों को आफताब ने ग्राइंडर में पीसकर उसके पाउडर को सड़क पर फेंका दिया था.
आफताब पूनावाला का कबूलनामा
आफताब के कबूलनामे में लिखा है कि, 'हम दोनों ने अपने रिश्ते में सुधार करने के लिए ट्रिप का प्लान किया. हम दोनों ट्रिप के लिए 28-29 मार्च 2022 को मुंबई से निकल गए और हरिद्वार पहुंच गए. फिर ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमते हुए पार्वती वैली पहुंचे. जहां हमें बद्री नाम का लड़का मिला जिससे हमारी बंबल एप से दोस्ती हुई थी. उसने हमें अपने घर दिल्ली आने के लिए कहा था. करीब एक सवा महीने घूमने के बाद मई 2022 के पहले हफ्ते में दिनांक 5/05/2022 को बद्री के घर छत्तरपुर पहाड़ी दिल्ली पर पहुंचे थे. हम उसके घर पर करीब आठ-दस दिन रुके थे और वहां भी मेरे और श्रद्धा के बीच झगड़े हुए थे. इस कारण से हमारा ब्रेक अप हो गया था. मेरे और श्रद्धा के बीच में अक्सर झगड़ा होने के कारण बद्री ने हमें अपने घर से जाने को कहा.
इसके बाद करीब दो दिन बाद कहीं और रुककर 16 मई 2022 से हम दोनों ने ब्रोकर राहुल रॉय के जरिये छत्तरपुर पहाड़ी में मकान किराए पर ले लिया और रहने लगे. उस समय हम दोनों की कहीं जॉब भी नहीं थी और ज्यादातर पैसा ट्रिप में खर्च हो चुका था. यहां पर भी हम दोनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर काफी झगड़ा होने लगा. 18 मई 2022 को उसने मुझे अपने किराए के घर वसई से जाकर घर का सामान लाने की बात कही, लेकिन मैंने उसे तबीयत खराब होना बोलकर जाने से मना किया था. इससे वो गुस्से में आ गयी व कहने लगी कि दोनों के पास केवल दो बैग हैं और खाने पीने का कोई सामान नहीं है. रोजाना मार्केट का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. मैंने उसे खर्चे का आधा पैसा देने की बात कही जिस पर वो आग बबूला हो गयी और मुझसे गाली गलोच करने लगी. मैंने उसकी झगड़ा करने की आदत से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए उसको रास्ते से हटाने की बात ठान ली. फिर 18 मई को उसको जान से मारने के लिए पकड़कर फर्श पर गिरा दिया और उसकी छाती पर बैठकर अपने दोनों हाथों से कसकर उसका गला तब तक दबाये रखा जब तक वह मर नहीं गयी.'
इस तरह डेड बॉर्डी को किया डिस्पोज
मर्डर के बाद आफताब ने श्रद्धा की डेड बॉडी को बाथरूम में छिपा दिया. फिर उसने डेड बॉडी को डिस्पोज करने के लिए उसके छोटे-छोटे टुकड़े किए और एक बड़े ब्रीफकेस में डालकर कही फेंकने की प्लानिंग की. ऐसा करने के लिए उसने 60 फूटा रोड छत्तरपुर पहाड़ी से एक हार्डवेयर की दुकान से एक हैमर, एक आरी और उसकी तीन ब्लेड खरीदी. इसके बाद फ्लैट पर आकर डेड बॉडी के टुकड़े करने शुरू कर दिए. इसके बाद उसने 25 हजार रुपये में एक फ्रिज खरीदा और फिर शाम को कुछ बॉडी पार्ट ट्रैश बैग में डाल कर पैक कर दिए. कुछ बॉडी पार्ट्स को फ्रिज के फ्रीजर में रख दिया. बॉडी पार्ट्स को काटने के बाद फैले खून को साफ करने के लिए तभी शॉपिंग एप से टायलट क्लीनर, ब्लीच, हैंडवॉश और बाकी सामान खरीदा. सामान की डिलीवरी होने पर मैंने फैले हुए खून को साफ कर दिया. 20 मई को डेड बॉडी के टुकड़ों कों ठिकाने लगाने के लिए प्लानिंग के तहत महरौली मार्किट से एक लाल रंग का बड़ा ब्रीफकेस खरीदा. ब्रीफकेस खरीदकर घर लाकर मैंने उसमें टुकड़े रखे तो ब्रीफकेस का वजन भारी हो गया. ऐसे में पकड़े जाने के डर से इस प्लान को छोड़ दिया था. फिर उसकी डेड बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए छोटे-छोटे टुकड़े जंगल में अलग-अलग जगह पर फेंकने की प्लानिंग की.
दोस्त-परिवार को ऐसे दिया चकमा
श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्त और परिवार को चकमा काफी समय तक चकमा दिया. श्रद्धा का इंस्टाग्राम आफताब के फोन में लॉगिन था जिससे उसने श्रद्धा बनकर उसके दोस्त को रिप्लाई किया. उसको मारने वाले दिन मैंने उसके मोबाइल फोन से अपने अकाउंट में 54000 रुपये दो बार में ट्रान्सफर किए. इसके बाद वो मुंबई में जून के पहले हफ्ते में अपने वसई वाले किराये के मकान से सामान लाने गया. इसके बाद वापस छत्तरपुर पहाड़ी आ गया. जब महाराष्ट्र पुलिस ने श्रद्धा के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया तो वहां से वापस आते हुए श्रद्धा का फोन कहीं गुम हो गया.