Delhi Assembly: बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता एक साल तक के लिए दिल्ली विधानसभा से सस्पेंड, जानें वजह
Vijender Gupta News: दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता को एक साल तक के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया है. वे अब अगले बजट सत्र तक सदन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
Vijender Gupta Suspend News: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के स्पीकर रामनिवास गोयल (Ram Niwas Goel) ने बीजेपी (BJP) विधायक विजेन्द्र गुप्ता को एक साल तक के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया है. विजेंद्र गुप्ता अब अगले बजट सत्र तक विधानसभा की किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. मंगलवार को विजेन्द्र गुप्ता ने सदन में ब्रीच ऑफ प्रिविलेज का नोटिस दिया था. आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा (Sanjeev Jha) ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान का जिक्र किया था. इसके बाद स्पीकर ने कहा कि विजेन्द्र गुप्ता ने खराब मंशा से ये नोटिस दिया है. स्पीकर और विजेन्द्र गुप्ता की बीच इस मामले में तीखी नोक झोंक भी हुई. इस पर स्पीकर ने विजेन्द्र गुप्ता ने उन्हें अगले बजट सत्र तक सदन से बाहर रखने का फैसला सुनाया.
इस बीच दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय में सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को स्वीकृति दे दी है और आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को यह सूचना दे दी गई है. यह बयान केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस मुद्दे पर विवाद पैदा होने के बाद आया है. इससे पहले दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि बजट की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को उसकी स्वीकृति के लिए फिर से भेजी गई है. कैलाश गहलोत ने कहा था कि गृह मंत्रालय को मंजूरी के लिए बजट फाइल प्रत्यक्ष और ईमेल दोनों के माध्यम से भेजी गई है.
जानिए क्यों रोका गया था दिल्ली का बजट?
एक सूत्र ने कहा, "गृह मंत्रालय ने बजट को मंजूरी दे दी है और दिल्ली सरकार को यह बता दिया गया है." गौरतलब है कि दिल्ली सरकार का साल 2023-24 का बजट मंगलवार को पेश किया जाना था, जिसे रोक दिया गया है और इस संबंध में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार और केंद्र सरकार ने अलग-अलग मदों में आवंटन को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए. मुख्यमंत्री की ओर से केंद्र पर आरोप लगाए जाने के बाद गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि मंत्रालय ने आप नीत सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के बजाय विज्ञापन के लिए धन का अत्यधिक आवंटन किया गया था.
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