Delhi LG Vs CM Controversy: केंद्र सरकार द्वारा जब से विनय कुमार सक्सेना (Vinai Saxena) को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया गया है तभी से उनका विवाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ चल रहा है. वर्तमान में दोनों के बीच विभिन्न मसलों पर विवाद चरम पर है. विवाद की सियासी गहराई का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि एमसीडी चुनाव परिणाम आये करीब दो माह होने वाले हैं, लेकिन अभी तक मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव संपन्न नहीं हो पाया है. इसके पीछे की मूल वजह भी एलजी और सीएम के बीच अहम मसलों पर तकरार (Delhi LG Vs CM Controversy) का चरम पर होना ही है. बता दें कि 23 मई, 2022 से वीके सक्सेना (LG VK saxena) दिल्ली के एलजी पद पर हैं.


इस बीच दिल्ली के लोग इस बात में भी खूब रुचि ले रहे हैं कि दोनों की सैलरी कितनी है? क्या सैलरी के मामले में भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पर भारी पड़ते हैं. गूगल पर पिछले कुछ दिनों से लोग इसकी जानकारी भी खूब हासिल कर रहे हैं. सैलरी के मामले में दोनों के बीच स्थिति अलग-अलग है. मूल वेतन से लेकर अन्य सभी सुविधाओं के मामले में सीएम, एलजी भारी पड़ते हैं.  
 
ये है उपराज्यपाल का वेतन


दिल्ली के उपराज्यपाल का कुल वेतन प्रति माह 2.25 लाख रुपए है. इनमें 80,000 रुपए मूल वेतन है. एलजी के मूल वेतन में 125 से 130 प्रतिशत महंगाई भत्ते भी शामिल हैं. इसके अलावा, 4000 रुपए का मासिक सत्कार भत्ता और स्थानीय भत्ते पाने का उन्हें हकदार माना गया है. दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री की सैलरी प्रति माह 3 लाख 90 हजार रुपए है. इसमें मूल वेतन और भत्ते शामिल हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री को अब तक वेतन और भत्ते मिलाकर हर महीने 72 हजार रुपए मिलते थे. लेकिन अब यह राशि बढ़कर 1.70 लाख रुपए प्रति माह हो गई है. अगर सीएम की सैलरी में अन्य सभी भत्तों को जोड़ दिया जाए तो उनकी सैलरी करीब 4 लाख रुपए है.


इन मुद्दों पर है एलजी और सीएम के बीच विवाद


सिंगापुर जाने से रोकना, दिल्ली आबकारी घोटाला, एमसीडी मेयर चुनाव, एल्डरमैन काउंसलर्स की नियुक्ति, टीचर्स को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने, दिल्ली की नौकरशाही पर नियंत्रण, दिल्ली सरकार के कामकाज के तरीके में हस्तक्षेप, सीम बनाम एलजी के अधिकार, सरकारी विज्ञापनों पर खर्चा आदि मुद्दों पर केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना के बीच विवाद है. दरअसल, दिल्ली के सीएम और एलजी वीके सक्सेना के बीच मुख्य विवाद अधिकार क्षेत्र को लेकर है. सीएम केजरीवाल का कहना है कि आप की सरकार चुनी हुई सरकार है. इसलिए देश के अन्य राज्यों के सीएम को जितने अधिकार प्राप्त है, वो अधिकारी दिल्ली के सीएम का भी होना चाहिए. जबकि एलजी का कहना है कि एनसीटी दिल्ली एक्ट के तहत वो वही कर रहे हैं जो अधिकार उन्हें संवैधानिक तौर पर हासिल है.एक पहलू यह भी है कि सीएम अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले पर जोर दे रहे हैं, जबकि एलजी का कहना है कि वो संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से निर्देशित होते हैं न कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से. 


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