Delhi Latest News: दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने सोमवार (दो सितंबर) को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप सरकार पर हमला बोला. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ सेवाएं पूरी तरह चरमरा चुकीं हैं. चालू अस्पताल हों या निर्माणाधीन या फिर इनकी मोहल्ला क्लीनिक, सभी अनियमितता और भ्रष्टाचार के केंद्र बन गए हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता की शिकायत पर स्वास्थ विभाग के घोटालों को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) बहुत जल्द एफआईआर दर्ज करेगी.


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के मुताबिक सौरभ भारद्वाज हों या कोई अन्य मंत्री यह सब प्रेस कॉन्फ्रेंस के मंत्री हैं. इनका प्रशासन से कुछ लेना देना नही है. मंत्री सौरभ भारद्वाज के विभाग से जुड़े सभी प्रोजेक्ट विलंब से चल रहे हैं. वे इसकी जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें. 


सौरभ भारद्वाज दें इन सवालों के जवाब 


उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार के नए अस्पतालों के निर्माण की तो छोड़िए, जिन अस्पतालों का अपग्रेडेशन होना है, वह भी वर्षों विलंब से चल रहे हैं." उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से सवाल पूछते हुए कहा कि उनके पूर्ववर्ती स्वास्थ मंत्री बताएं कि उन्होंने आवश्यक दवाओं की लिस्ट बनाने एवं सभी तरह के अस्पताल प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए क्या किया?


'स्वास्थ्य विभाग की सभी परियोजनाएं अधूरी'
 
दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में 24 स्वीकृत अस्पतालों से जुड़ी परियोजनाओं पर काम जारी है. इनकी कुल लागत 5,590 करोड़ रुपये है. कई अभी तक अधूरी हैं और उनमें महत्वपूर्ण लागत से अधिक खर्च हुआ है. सात आईसीयू अस्पतालों 6,800 बिस्तर वाले हैं. इनके लिए 1,125 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया था, लेकिन तीन साल बाद भी वे केवल 50 प्रतिशत ही पूरे हुए हैं. 


विजेंद्र गुप्ता ने कहा बहुउद्देशीय क्लीनिक परियोजना की भी जांच की गई, जिसमें बीजेपी ने खुलासा किया कि 94 नियोजित बहुउद्देशीय क्लीनिकों में से केवल 52 ही बनाए गए हैं. इस कमी के बावजूद लागत रहस्यमय रूप से 168.58 करोड़ रुपये से बढ़कर 220 करोड़ रुपये हो गई है. इनमें से अधिकांश क्लीनिक अब निष्क्रिय पड़े हैं.


गोपाल राय ने घोंडा में लोगों से किया संवाद, कहा- 'CM के आदेश पर AAP के विधायक देगें काम का हिसाब'