Pollution In Delhi: दिल्ली में वायु प्रदूषण के साथ-साथ यमुना नदी में भी प्रदूषण की समस्या गंभीर है. यमुना नदी में सफेद जहरीली झाग की परत बनी हुई है, जिससे आगामी छठ पूजा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दिल्ली इस वक्त प्रदूषण की दोहरी मार झेल रही है. आसमान में वायु प्रदूषण और पानी में यमुना नदी का प्रदूषण, दिल्लीवासियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है.


यमुना के प्रदूषण को लेकर आप सरकार पर विरोधियों का हमला


बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या दिल्लीवासी यमुना नदी में पूजा कर पाएंगे? हर वर्ष यमुना के प्रदूषित होने की वजह से यहां पूजा पर रोक लगा दी जाती है और उसके विकल्प में पूजा करने के लिए कृत्रिम घाटों का निर्माण किया जाता है. इसे लेकर राजधानी का सियासी पारा अब बढ़ता नजर आ रहा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों आम आदमी पार्टी की सरकार पर यमुना प्रदूषण के मुद्दे पर हमलावर हैं.




यमुना में छठ मनाना नहीं होगा संभव: वीरेंद्र सचदेवा


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना के प्रदूषण और इसके जहरीले झाग को लेकर कहा कि छठ पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है. लेकिन दुर्भाग्य से इस बार भी यमुना नदी में छठ पूजा मनाना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मैंने कुछ दिन पहले यमुना में डुबकी लगाई थी और पाया कि पूरी नदी जहरीली है."


हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड यमुना नदी में डिफॉमिंग का काम कर रहा है, जिसके तहत केमिकल का छिड़काव कर पानी में उत्पन झाग को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन छठ से पहले पूरी नदी साफ होने की उम्मीद कम है.


यमुना की 80 प्रतिशत गंदगी दिल्ली के हिस्से: विजेंद्र गुप्ता


वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यमुना की कुल लंबाई 1370 किमी है, जिसका 22 किमी दिल्ली में है, लेकिन इसमें 80% गंदगी दिल्ली के हिस्से में ही है. दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई पर 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन फिर भी यमुना प्रदूषित है. उन्होंने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, दिल्ली सरकार की यमुना की सफाई कराने की नियत ही नहीं है. यमुना में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को ट्रैप करने और ट्रीट करने की व्यवस्था नहीं है, जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है. 


बिना ट्रीट किये यमुना में छोड़ा जा रहा गंदा पानी


विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्वी दिल्ली से जिन गंदे नालों का पानी यमुना में गिरता है, उसे चिल्ला गांव के पास ट्रैप किया जाता है. पानी ट्रैप कर यही बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में ट्रीट कर फिर यमुना में छोड़ा जाता है. स्थिति यहां यह है कि जितना गंदा पानी आता है, उसमें से सिर्फ 9 एमजीडी पानी एसटीपी में ट्रीट हो रहा है. बाकी 100 एमजीडी गंदे नालों का पानी बिना ट्रीट किए यमुना में छोड़ दिया जा रहा है.


आईटीओ डब्ल्यू पॉइंट के पास जिस गंदे नाले से नई दिल्ली और पहाड़गंज इलाकों से पानी आता है, उसे भी यमुना के पास एक जगह ट्रीट किया जाता है. लेकिन, यहां सिर्फ 10 एमजीडी गंदे नालों का पानी ट्रीट हो रहा है. बाकी 50 एमजीडी पानी बिना ट्रीट किए ही यमुना में छोड़ दिया जा रहा है. शास्त्री पार्क के पास करीब 4 लाख घरों से जनरेट सीवेज वॉटर डायरेक्ट यमुना में जा रहा है. ऐसे 100 से अधिक पॉइंट्स हैं, जहां से गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है.


ये भी पढ़ें-


दिल्ली पुलिस ने 12 दिन बाद शख्स की हत्या का किया खुलासा, आरोप निकला मृतक का सहयोगी