Delhi Excise Policy Case: वीरेंद्र सचदेवा का AAP पर हमला, मनोज तिवारी ने सरकार के खिलाफ व्हाइट पेपर लाने के दिए संकेत
Delhi Excise Policy Case: दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का आम आदमी पार्टी के नेताओं से सवाल है कि अगर दिल्ली आबकारी शराब नीति अच्छी थी तो दिल्ली सरकार ने इसे बदली क्यों?
Delhi News: दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva ) ने शुक्रवार (5 अप्रैल) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) को निशाने पर लेते हुए कहा, "आप, AAP न हो कर पाप है.साथ ही दिल्ली के सीएम (Arvind Kejriwal) को दिल्ली आबकारी नीति का सूत्रधार बताया."
वीरेंद्र सचदेवा के मुताबिक तथाकथित आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल किंगपीन हैं. इस मामले के किसी भी आरोपी का जमानत पर जेल से बाहर आने का मतलब यह नहीं है कि केस खत्म हो गया. ऐसा इसलिए कि इस मामले की जांच अभी जारी है.
ड्रामा कर रहे हैं AAP नेता
उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी के नेता जमानत के बाद भी ड्रामा कर रहे हैं. वह नौंटकी करते नजर आ रहे हैं. आप नेता मुद्दे की बात नहीं करते हैं. " नीति ठीक थी तो बदली क्यों? दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष का कहना है कि आप नेता दावा करते हैं कि दिल्ली आबकारी शराब नीति विवाद में आने के बाद बदल दी गई. मेरा सवाल यह है कि अगर शराब नीति ठीक थी तो बदली क्यों? दिल्ली में सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने झूठ बोलने की ट्रेनिंग ली है.
जनता की चिंता किसी को नहीं
वीरेंद्र सचदेवा ने ये भी कहा कि संजय सिंह जेल के अंदर व्हील चेयर पर, जेल से निकले तो गाड़ी की छत पर और आज फिर जन संवेदना लेने के लिए व्हील चेयर पर. संजय सिंह जवाब दें. जब शराब नीति बदली जा रही थी, तो रेस्टोरेंट मालिकों के साथ रात 1 से 3 के बीच में मीटिंग की थी या नहीं?
दिल्ली में शराब घोटाला करने वाले अरविंद केजरीवाल दिल्ली के ऊपर एक कलंक हैं. आम आदमी पार्टी के नेताओं में मुख्यमंत्री बनने की होड़ लगी हुई है. यह उनके चेहरे पर साफ दिखाई देता है. इन लोगों को सिर्फ अपनी चिंता है. दिल्ली की जनता के दर्द से इन्हें कोई मतलब नहीं.
नई नीति के जरिए दिल्ली को लूटा
दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दावा कि किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने राष्ट्रीय राजधानी में पाठशाला की जगह मघुशाला खोल दिया. बीजेपी को शराब घोटाले को लेकर व्हाइट पेपर लाना होगा. आबकारी नीति के जरिए दिल्ली को लूट गया.
मामले की जांच जारी
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि शराब नीति मामले से जुड़े केस अदालत में लड़ने के लिए खजाने से पैसे लगाए गए. इनको केस लड़ने के लिए 100 करोड और चाहिए. बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति साल 2021 में लागू हुई थी. इस नीति का विवाद में आने के बाद दिल्ली सरकार ने साल 2022 में इसे वापस ले लिया, लेकिन सीबीआई की जांच जारी रही. इसमें हवाला का मामला सामने आने के बाद ईडी भी केस दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है.
Delhi Murder: डाबड़ी इलाके में लिव-इन में रह रही प्रेमिका की हत्या, अलमारी में छुपाया शव, पति फरार