Delhi Jal Board: 'दिल्ली वालों को केजरीवाल सरकार देती है 49 रुपये प्रति किलो लीटर पानी', वीरेंद्र सचदेवा का दावा
Virendra Sachdeva Allegation On DJB: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आतिशी द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि 74 फीसदी पानी से कोई सरकार को रेवेन्यू नहीं आता.
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DJB News Today: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए कथित शराब नीति मामले के बाद अब जल बोर्ड का घोटाला भी गले की फांस बनने के करीब है. जहां बीजेपी अब तक शराब घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम केजरीवाल पर लगातार हमलावर बनी हुई थी, अब दिल्ली जल बोर्ड में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर वह शोर मचा रही है. बीजेपी नेताओं ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
इस मसले को लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा और बीजेपी विधायकों ने मंगलवार (9 अप्रैल) एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली जल बोर्ड में जारी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी का बिल रिहायशी इलाकों में 30 किलो लीटर पानी का 790 रुपए आता है. सर्विस चार्ज 219 रुपए और फिर सीवर चार्ज 474 रुपए और दोनों को मिलाकर 1,484 रूपए बनते हैं.
अगर प्रति किलो लीटर पानी की बात करें तो दिल्ली वालों को 49 रूपए किलो लीटर होता है. मुफ्त पानी देने की बात करने वाले केजरीवाल सरकार 49 रुपये प्रति किलो लीटर पानी दे रही है. कॉमर्शियल में एक किलो लीटर पानी के लिए लगभग 80 रुपए के आसपास देना पड़ता है.
28,400 करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बीजेपी लंबे समय से कहती आ रही है कि दिल्ली जलबोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से बड़ा है. आप नेता इससे बचने का हमेशा प्रयास करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि पिछले 9 साल में 28,400 करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं है.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने 9 मार्च को आतिशी द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उनके पत्र से जो जानकारी मिली है, उससे कई बातों का खुलासा होता है. पत्र से मिली जानकारी के मुताबिक 59 फीसदी पानी से कोई रेवेन्यू नहीं आता. जबकि अतिरिक्त 15 फीसदी पानी के उपयोग पर कोई पारदर्शिता नहीं है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली जल बोर्ड में 74 फीसदी पानी का कोई हिसाब नहीं हो रहा. यानी सिर्फ 26 फीसदी पानी से ही पूरा जल बोर्ड चल रहा है. इतना ही नहीं, 2021-22 के तो खाते ही गायब हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली जलबोर्ड केजरीवाल के भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है.
73,000 करोड़ के कर्ज में डीजेबी
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2013 से जलबोर्ड में शुरु हुए घोटालों का खेल आज उस जगह पहुंच गया है. अब जल बोर्ड 73 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में है. उसकी पूर्ती के लिए दिल्ली की जनता को ठगने का प्लान भी तैयार कर लिया गया है. उनका कहना है कि एक तरफ दिल्ली की जल मंत्री आतिशी कहती हैं कि उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है. जबकि दूसरी तरफ साल 2016-17 से अभी तक जल बोर्ड के खाते का ऑडिट ही नहीं कराया गया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आतिशी को इतनी समझ होनी चाहिए कि आडिट के बिना असीमित समय तक किसी भी सरकारी विभाग को पैसा देना गैर कानूनी है.इस कारण आज जल बोर्ड में घोटाले जैसी स्थिती बन गई है.
5 फीसदी सरचार्ज बढ़ाकर घाटे की भरपाई
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों पर प्रति वर्ष 5 फीसदी टैक्स सरचार्ज बढ़ाकर अपने आर्थिक घाटे की वसूली करती है. इसी कारण रिहायशी इलाकों में चार दिन पहले ही जल इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर 2020 में 200 स्क्वायर मीटर में खर्च 2,15,200 रुपये था जो अब 3,44,320 रुपए हो गया है. इतना ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी 3,28,800 रुपये से 5,16,480 रुपये कर दिया गया.
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