Delhi News: राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों हुई बारिश से जहां पारे के तापमान में गिरावट आई है, तो वहीं दिल्ली का सियासी पारा एक बार फिर से गरमाता नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में खर्च किए गए पैसों को लेकर दिल्ली में विपक्षी पार्टियां लगातार उन पर हमलावर हैं, जिसके बाद अब इस मामले में कल यानी सोमवार को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने इसकी जांच में तेजी लाते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सतर्कता विभाग के इस रुख से सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


इस मसले पर दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने विजिलेंस डिपार्टमेंट के कारण बताओ नोटिस का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि इस नोटिस से पूरे मामले की सच्चाई को उजागर करने में सहायता मिलेगी और पता चल सकेगा की आखिर किसके आदेश पर बिना टेंडर एवं बजट प्रावधान के PWD ने सीएम आवास निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि जल्दी ही सीएम अरविंद केजरीवाल खुद इस घोटाले में जांच का सामना करेंगे.


विजिलेंस ने PWD अधिकारियों से मांगा जवाब


विजिलेंस डिपार्टमेंट ने अपने नोटिस में सीएम आवास के रेनोवेशन में हुए घोटाले से संबंधित कई बिंदुओं पर PWD अधिकारियों से जवाब मांगा है. PWD को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम आवास के रेनोवेशन में कुल 52.71 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं. जिनमें से 33.49 करोड़ रुपये आवास के निर्माण पर और 19.22 करोड़ रुपये सीएम के कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए.


PWD के 4 इंजीनियरों को जारी किया गया नोटिस


दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (विजिलेंस) वाईवीवीजे राजशेखर ने PWD के 4 इंजीनियरों को नोटिस दिया है. जिनमें असिस्टेंट इंजीनियर रजत कांत, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शिवनाथ धारा, चीफ इंजीनियर पीके परमार और चीफ इंजीनियर एके आहूजा शामिल हैं. नोटिस में इनसे पूछा गया है कि आखिर किसके कहने पर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया? पूरे प्रोजेक्ट पर कितना खर्च आया और आखिरकार इस निर्माण कार्य के दौरान अलग-अलग विभागों से एनओसी क्यों नहीं ली गई?


इनकी शिकायत पर एलजी ने लिया था संज्ञान


सीएम के सरकारी आवास में करोड़ों खर्च को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए उपराज्यपाल ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. शिकायत में कहा गया था कि सिविल लाइन दिल्ली के बंगलो एरियाज में शामिल है. जिसके बारे में मास्टर प्लान में लिखा है कि यहां ऊंची इमारत नहीं बनाई जा सकती है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइन्स के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस बंगले में रहते हैं. यह सिंगल स्टोरी इमारत थी.


171 करोड़ रुपये खर्च की शिकायत


उपराज्यपाल को दी शिकायत में कहा गया था कि सीएम आवास के निर्माण में 171 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इस मामले को लेकर प्रदेश भाजपा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर अभियान भी चलाया था. इस मामले से संबंधित गोपनीय फाइलें भी गायब हो गई थी, जिसकी एफआइआर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की है.


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