Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं का चाल ढाल बदल गया है. रविवार की रात दिल्ली के कई झुग्गी बस्तियों में इसी तरह का नजारा देखने को मिला. पूर्वी दिल्ली के राजीव कैंप और कृष्णा मार्केट में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रात्रि प्रवास किया. इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनी. इसके अलावा, वह झुग्गीवाले बच्चों के साथ सांप सीढ़ी का खेल खेलते नजर आए.
इस दौरान बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा से एबीपी न्यूज ने खास बातचीत की. सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की सांप सीढ़ी में जो सांप है, इस बार उसका खत्मा होगा. सीढ़ी से दिल्ली के बच्चों का विकास होगा.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम इन झुग्गीवालों के बीच पिछले 6 महीने से जा रहे हैं. हर बार यहां के लोग एक ही सवाल करते हैं. लोग पीने के पानी को लेकर सवाल करते हैं. ये लोग बिजली का बिल भी दिखाते हैं. उन्होंने कहा, "अब इनकी तकलीफ हमारी तकलीफ है. इनके बच्चों के विकास की जिम्मेदारी अब हमारी है."
'जहां सुलाएंगे वहीं सो जाएंगे'
हम आज रात इनके साथ झुग्गियों में रुकेंगे. ये जहां सुलाएंगे वहीं सो जाएंगे. जो खिलाएंगे वो खा लूंगा. फिर सुबह में यहां से चाय पीकर निकलेंगे. जो इनकी समस्याएं हैं, वो हमारे वादे हैं. हम ये बताना चाहते हैं कि हम आपके दुख में आपके साथ रहने वाले लोग हैं.
'इस बार फंस गए हैं केजरीवाल'
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद का एक बार फिर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा, "आप प्रमुख इस बार नई दिल्ली सीट से भागेंगे, इसलिए उन्हें अपनी पुरानी सीट से मजबूरन लड़ना पड़ रहा है. इस बार केजरीवाल फंस गए हैं! अब उन्हें 10 साल का जवाब देना पड़ेगा. जनता के बीच नहीं गए हैं. ऐसा इसलिए कि जनता उनसे अब हिसाब मांगती है."
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सूची उम्मीदवारों की सूची कम, जमानती सूची ज्यादा लगती है. अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन, अमानतुल्लाह खान जैसे कई लोग जमानत पर छूटे हैं. इनमें से कई लोगों पर आपराधिक मुकदमे हैं. आप के एक विधायक गैंग चलाने और फिरौती वसूली के आरोप में जेल में बंद हैं. इसके बावजूद आप ने उनकी पत्नी को टिकट दे दिया.
'झुग्गी में रहने के बाद भी भरना पड़ता है बिजली बिल'
झुग्गी में रहने वाले महेश यादव ने एबीपी न्यूज ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, "वीरेंद्र सचदेवा के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की है. वो हमारे साथ यहीं सोएंगे. जो हम खाते हैं वहीं खाना उन्हें भी खिलाएंगे. हमने उनके लिए दाल चावल बनाया है। उन्हें बेड पर सुलाएंगे. हम नीचे सो जाएंगे."
बिजली का बिल दिखाते हुए महेश कहते हैं, "मैने 840 रुपए का बिल भरा अभी. पिछले महीने 2800 रुपए का बिल आया. मेरी झुग्गी में सिर्फ एक कमरा है, जिसमें लाइट और फ्रिज लगा है. इसमें इतना बिल कैसे आ सकता है?" पानी की समस्या को लेकर यादव कहते हैं कि "मैं 60 से 70 रुपए की बोतल खरीद कर लाता हूं. पानी पीने के लिए गंदा आता है. हम 4 सदस्य हैं जो यहां रहते हैं."
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