Visa Corruption Case: 2011 के वीजा घोटाले मामले में कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) के करीब एस भास्कर रमन (S Bhaskar Raman) को अदालत से राहत नहीं मिल पाई है. उनकी सीबीआई (CBI) हिरासत 1 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है. इससे पहले अदालत ने एस भास्कर रमन की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. यह मामला दिल्ली (Delhi) के रॉउज एवन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में चल रहा है.


क्या है मामला?


दरअसल, पिछले दिनों ने भारतीय जांच एजेंसी केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, उनके करीबी एस भास्कर रमन और वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड समेत कई के खिलाफ 2011 के वीजा घोटाला मामले में मुकदमा दर्ज किया था. 


सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा था कि वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के एक बड़े अधिकारी ने वीजा जारी कराने के लिए कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कर रमन को 50 लाख रुपये दिए थे.


भास्कर रमन पर आरोप है कि उनके जरिये ही कंपनी का संपर्क कार्ति चिदंबरम से हुआ था.


263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए 50 लाख की घूस देने का है आरोप


आरोप है कि चीनी कंपनी ने 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम और एस भास्कर रमन को 50 लाख रुपये की घूस दी थी. उस वक्त कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्र सरकार में मंत्री थे. 


कांग्रेस नेता और तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद कार्ति चिदंबरम का कहना है कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं.


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