Walking and Heart Attack Connection: आज के दौर में हर चौथे घर में डायबिटीज और हृदय रोगी पाए जाते हैं. भारत में दिल की बीमारी वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो 150 मिनट तक मॉडरेट (moderate)शारीरिक गतिविधि (physical activity)करने वाले इंसान को ज्यादा बीमारियां नहीं होती. अगर शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान न दिया जाए तो व्यकित के बीमार होने की संभावनांए बढ़ जाती हैं. भारत में लोगों के बीमार होने का मुख्य कारण यही है कि यहां लोग शारीरिक गतिविधि पर ध्यान नहीं देते.
वॉकिंग को लेकर क्या कहती है डॉ.अमांडा पालुच की किताब?
मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय, एमहर्स्ट डिपार्टमेंट ऑफ काइन्सियोलॉजी,यूएस में डॉक्टरेट की छात्रा शिवांगी बाजपेयी के मुताबिक भारतीय लोगों को बीमारियों से बचने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना होगा. वहीं मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के साथ मुख्य लेखक डॉ.अमांडा पालुच ने हाल ही में एक स्टडी पब्लिश की है जिसमें दिल के रोगों से बचने के लिए पैदल चलने पर काफी जोर दिया है.
पैदल चलकर टाला जा सकता है हार्ट अटैक का खतरा
एक अध्ययन की रिपोर्ट की मानें तो यदि एक व्यक्ति रोजाना कुछ कदम पैदल चलता है तो वो आसानी से दिल के रोगों (Cardiovascular Disease) से बचाव कर सकता है. पैदल चलकर हार्ट अटैक का खतरा 50 फीसदी तक टाला जा सकता है. अब सवाल ये है कि वॉकिंग किस तरह दिल के रोगों को टालने में मदद करता है? एक रिसर्च में हुआ खुलासा हुआ है कि 60 से अधिक लोग प्रति दिन 6 हजार से 9 हजार कदम तक पैदल चलकर दिल के रोगों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका और 42 अन्य देशों में 20,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण करने के बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि 2,000 कदम पैदल चलने वाले लोगों की तुलना में प्रतिदिन 6,000 से 9,000 कदम पैदल चलने वाले लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक (strokes) जैसी बीमारियों को 40 से 50 प्रतिशत तक टाल सकते हैं.
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महिलाओं के लिए भी बेहद जरूरी है वॉकिंग
शोधकर्ताओं का कहना है कि शारीरिक गतिविधियों के कम होने से हार्ट अटैक जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारतीय महिलाएं घरेलू कामकाज (domestic work)में व्यस्त रहती हैं. इसका मतलब यह है कि वे सारे दिन घर के कामकाज करके शारीरिक रूप से एक्टिव रहती हैं. लेकिन इसके बावजूद महिलाओं को रोजाना 6 हजार से 9 हजार कदम पैदल जरूर चलना चाहिए.
ये है पैदल चलने के फायदे:
वॉक करने से न सिर्फ दिल के रोगों को टाला जा सकता है बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं, जैसे:-
वॉकिंग डायबिटीज से बचाती है और डायबिटीज के मरीजों का शुगर लेवल नियंत्रित रखती है.
प्रतिदिन पैदल चलने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत (Strong Immunity) होती है.
प्रतिदिन पैदल चलने से व्यक्ति की मन तरो-ताजा रहता है और वह अवसाद का शिकार नहीं होता.
वॉकिंग वजन भी कंट्रोल रखता है.
वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) उचित रहता है.
हृदय स्वास्थ्य को सुधारने और दिल के रोगों से बचने के लिए पैदल चलना बहुत जरूरी है.
रोजाना पैदल चलने से गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है.
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