Delhi News: वक्फ एक्ट संशोधन विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया गया. हालांकि अब उसे जेपीसी के पास भेजने की सिफारिश की गई है. विपक्ष द्वारा इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है जिस पर बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है बल्कि इसमें मुस्लिम समाज की महिलाओं और बच्चों के लिए सुंदर व्यवस्था की गई है. 


समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मनोज तिवारी ने कहा, '' यह जो संशोधन बिल लाया गया है. विपक्ष ने एकबार फिर असत्य और भ्रम फैलाकर मुस्लिम समाज को भड़काने की कोशिश की. लेकिन जब मंत्री किरण रिजिजू जी ने उसको डिफाइन किया, जब सारी बातें रखीं तो विपक्ष के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं. क्या किसी भी संस्था को अधिकार दिया जा सकता है कि वह यह कहे कि 500 साल पहले अमुक व्यक्ति ने इस संपत्ति को वक्फ को दान में दे दिया था. आखिर कानून में समय की एक सीमा होनी चाहिए. नए संशोधन के मुताबिक आपको नब्बे दिन के अंदर प्रक्रिया में जाना है और छह महीने के अंदर मामले का निपटारा हो जाएगा.'' 






शिकायतकर्ता मुस्लिम समाज के हैं- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने कहा, ''चर्चा के दौरान रोचक जानकारी सामने आई है कि 90 हजार केस पेडिंग हैं और अगर ट्रिब्यूनल और वक्फ बोर्ड के बीच मामला है तो कहते हैं कि आपको कोर्ट में जाने का अधिकार ही नहीं है. यह कैसे हो सकता है. ये जो शिकायतकर्ता हैं वे मुस्लिम समाज के हैं.''


मुस्लिम समाज के लिए की गई है व्यवस्था- मनोज तिवारी
सांसद मनोज तिवारी ने कहा, '' तो मैं इतना ही बोलूंगा कि विपक्ष का एजेंडा जो वक्फ बोर्ड के नाम पर था, वह औंधे मुंह गिर गया है. सबसे प्रार्थना करूंगा कि मंत्री के डेफिनेशन को जरूर देखें. वक्फ बोर्ड नियम कानून के घेरे में कितना अत्याचार कर रहा था जिस नियम में संशोधन कर सही मायने में मुस्लिम समाज की महिलाओं और बच्चों के लिए सुंदर व्यवस्था की गई है. ''


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