Delhi Pollution News: दिल्ली में अब वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का खतरा इतना बढ़ गया है कि इंसान तो छोड़िए पशु-पक्षी भी अब उसकी जद में आ गए हैं. इसका असर दिल्ली जू (Delhi Zoo) में भी दिखने लगा है. हालांकि, दिल्ली जू परिसर में पेड़ पौधे ज्यादा होने से प्रदूषण का असर औसतन कम है, लेकिन प्रदूषण के खतरे अब जू में रहने वाले पशु पक्षी कुलों के जानवारों पर भी दिखाई देने लगा है. यही वजह है कि दिल्ली जू प्रशासन ने परिसर के अंदर पेड़ पौधों की सिचाई का काम शुरू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली प्रशासन ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बढ़ेतरी को देखते हुए यह कदम उठाया है. ताकि जून के अंदर रहने वो पक्षियों पर प्रदूषण का असर कम पड़े और कोई बीमारी न फैले. फिलाल दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में पानी का छिड़काव करने के लिए कर्मचारियों को आदेश दिया गया है.
पानी के छिड़काव से पानी का असर होगा कम
नेशनल जूलॉजिकल पार्क (National Zoological Park) की निदेशक आकांक्षा महाजन कहती हैं, "हमारे पास पानी के छिड़काव की सुविधा है. हम उनका उपयोग करते हैं. ताकि जब पेड़ पौघों पर पानी का छिड़काव होता तो धुंध का असर पक्षियों और जानवरों पर कम होगा. उन्होंने बताया कि हमारे पास चिड़ियाघर के अंदर बहुत हरियाली है, इसलिए बाहरी क्षेत्रों की तुलना में यहां ऑक्सीजन की उपलब्धता ज्यादा है. यह जानवरों की देखभाल करता है.
शीतकालीन आहार देने का काम शुरू
एनजेपी की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन ने आगे बताया कि इस बार अक्टूबर से हमने जानवरों के लिए शीतकालीन आहार देने का काम भी शुरू कर दिया है, जिससे प्रतिरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए जानवरों को अधिक बहु पोषक तत्व भी देना शुरू कर दिया है.
इंसान ही नहीं, जानवर भी प्रदूषण की जद में
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में 5 नवंबर 2023 को भी प्रदूषण का स्तर क्रिटिकल लेवल पर ही है. यानी प्रदूषण की चपेट में कोई भी आ सकता है. केवल इंसान ही नहीं, अब जानवरी भी इसकी जद में आ सकते हैं. सीपीसीबी के मुताबिक संपूर्ण दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. सुबह पांच के करीब दिल्ली विजिबिलिटी का स्तर पर बहुत कम रहा. कुछ सौ मीटर के बाद कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था.