Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुतुब मीनार के पास मंगलवार को हिंदू संगठन महाकाल मानव सेवा के सदस्यों ने विरोध किया और कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तंभ करने की मांग की. दरअसल, कुतुब मीनार परिसर में  कुव्वत- उल-इस्लाम मस्जिद के ढांचे में लगी मूर्तियों को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है. हिंदू संगठन वहां लगी भगवान गणेश की दो उल्टी मूर्तियों को लेकर काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि मस्जिद में लगी उल्टी मूर्तियों से हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को भारी ठेस पहंचा है.


विश्व हिंदू परिषद ने मांग की कि सरकार कुतुब मीनार परिसर में सभी 27 हिंदू मंदिरों का पुनर्निर्माण कराए और हिंदू अनुष्ठानों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने यह भी दावा किया कि 73 मीटर ऊंची कुतुब मीनार मूल रूप से एक हिंदू शासक के समय में निर्मित भगवान विष्णु के मंदिर पर एक ‘विष्णु स्तंभ’ था. विहिप के दावे के बारे में पूछे जाने पर मणि ने कहा, ‘‘मैं भी यह मानता हूं कि 27 मंदिर थे.  इसके समर्थन में सबूत हैं. इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है. लेकिन कोई नहीं जानता कि वे 27 मंदिर कहां स्थित थे, उनका स्वरूप क्या था, संरचना क्या थी.



एबीपी न्यूज़ ने किया था पड़ताल


एबीपी न्यूज़ ने भी 2 दिन पहले ही कुतुब मीनार परिसर में पहुंचकर अपने कैमरे में उन मूर्तियों और चिन्हों को कैद किया था, जिसके आधार पर यह दावा किया जा रहा है की कुतुब मीनार परिसर का निर्माण हिंदू और जैन मंदिरों को गिराकर किया गया था. इस दौरान हमें भी वहां पर गणेश की मूर्तियां और हिंदू सभ्यता से जुड़े कुछ प्रतीक देखने को मिले. यहां तक कि कुतुब मीनार परिसर में शिलालेख पर भी इस बात का जिक्र है की कुतुब मीनार परिसर का निर्माण 27 हिंदू और जैन मंदिरों को गिराकर किया गया था.


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