Watch: 'परीक्षा पे चर्चा' के दौरान दिव्यांग बच्चों से पीएम मोदी ने की मुलाकात, बढ़ाया हौसला
PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से परीक्षा पे चर्चा की. तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए और उनसे कहा कि वह परीक्षा का तनाव ना लें.
Pariksha Pe Charcha News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को छात्रों से परीक्षा पे चर्चा की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम (Talkatora Stadium) में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए और उनसे कहा कि वह परीक्षा का तनाव ना लें. इस दौरान पीएम ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए दिव्यांग स्टूडेंट्स से खास मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया.
प्रधानमंत्री ने दिव्यांग बच्चों से संवाद के दौरान उनका हाल जाना और उनकी पढ़ाई लिखाई पर चर्चा की. बच्चों से बात करते हुए पीएम ने कहा कि वह खुद को पहचानें और फिर दुनिया में पहचान बनाएं.
परीक्षा पे चर्चा मेरा प्रिय कार्यक्रम - पीएम मोदी
इससे पहले पीएम ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है. लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया. मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आज की जो पीढ़ी है जब वो अपने जीवन के सबसे सफल पलों से गुजर रही होगी तब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा. ये 25 साल आपकी जिंदगी के हैं, आपके लिए हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज समस्या ये है कि हम कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं, इसलिए अधिकार के लिए उसको लड़ना पड़ता है. हमारे देश में किसी को अपने अधिकारों के लिए लड़ना न पड़े ये हमारा कर्तव्य है और उसका उपाय भी हमारा कर्तव्यों का पालन है.
बच्चों ने अपने परिजनों को इधर-उधर कूड़ा फेंकने पर टोका- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा- जब हमने स्कूली बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान शुरु किया, तो बच्चों ने बड़ी तेजी के साथ खुद का टीकाकरण कराया. ये अपने आप में बड़ी घटना है. हिंदुस्तान के बच्चों ने अपने कर्तव्य का पालन किया है. ये कर्तव्य का पालन देश की आन-बान-शान बढ़ाने का कारण बन गया है.
उन्होंने कहा कि स्वच्छता की मेरी भावनाओं को चार चांद लगाने का काम मेरे देश के बालक-बालिकाओं ने किया है. स्वच्छता की इस यात्रा में आज हम जहां पहुंचे हैं, उसका सबसे ज्यादा क्रेडिट में बालक-बालिकाओं को देता हूं. ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्होंने कई बार अपने परिजनों को इधर-उधर कूड़ा फेंकने पर टोका है.
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