Water Crisis in Delhi: दिल्ली में सूखने लगी यमुना नदी, जलसंकट से जूझ सकती है राजधानी, एक दूसरे पर आरोप लगा रहीं सरकारें
भीषण गर्मी के कारण यमुना नदी तेजी से सूख रही है. यमुना नदी के सूखने के कारण दिल्लीवासियों के जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.
Yamuna Runs Dry: दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है. दरअसल, भीषण गर्मी के कारण यमुना नदी तेजी से सूख रही है. यमुना नदी के सूखने के कारण दिल्लीवासियों के जल संकट का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अनुसार, यमुना में पानी के स्तर में गिरावट के कारण चंद्रवाल, वजीराबाद और ओखला जल उपचार संयंत्रों में पानी का उत्पादन सोमवार को लगभग 25% गिर गया था.
डीजेबी के एक बयान में कहा गया है कि वजीराबाद तालाब का जल स्तर लगभग 674.50 फीट के सामान्य स्तर के मुकाबले गिरकर 669.40 फीट हो गया है. तालाब का स्तर 12 मई को 671.80 फीट से और गिर गया है. मंगलवार सुबह से तालाब के जलस्तर में सुधार होने तक जलापूर्ति प्रभावित रहने की संभावना है. वहीं. यमुना में जल संकट को दिल्ली और हरियाणा की सरकारें जमकर एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं.
दिल्ली में हो सकता है भीषण जल संकट
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने करीब 25 इलाकों की सूची जारी करते हुए दिल्लीवासियों से अपील की है कि जरूरत के मुताबिक पानी को एकत्रित कर पानी का इस्तेमाल करें. पिछले साल 11 जुलाई को तालाब का स्तर 667 फुट तक घट गया था, जिसके बाद डीजेबी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और हरियाणा को यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया. डीजेबी ने इस संबंध में हरियाणा सिंचाई विभाग को एक पखवाड़े में 12 मई, तीन मई और 30 अप्रैल को तीन बार पत्र लिखा है. हरियाणा दो नहरों - सीएलसी और डीएसबी - और यमुना के माध्यम से दिल्ली को एक दिन में कुल 610 मिलियन गैलन (एमजीडी) पानी की आपूर्ति करता है.
यमुना के सूखने से दिल्ली के कई हिस्सों में जल आपूर्ति बाधित होगी. शहर के जिन हिस्सों में दिक्कत हो सकती है वह है नई दिल्ली नगर परिषद, दिल्ली कैंट, पटेल नगर, करोल बाग, सिविल लाइंस, पहाड़गंज, तुगलकाबाद, मॉडल टाउन, पंजाबी बाग, बुराड़ी, ग्रेटर कैलाश, कमला नगर, शक्ति नगर, प्रह्लादपुर, जहांगीरपुर और मूलचंद.
गर्मियों में मांग अधिक पर नदी सूखने से आपूर्ति कम
डीजेबी के एक अधिकारी ने बताया कि नदी सूखी है और चंद्रवल, वज़ीराबाद और ओखला में पानी का उत्पादन लगभग 25% -30% तक गिर गया है. वजीराबाद तालाब का मौजूदा स्तर करीब 669 फीट है, जो इस साल अब तक का सबसे निचला स्तर है. हरियाणा से छोड़ा जा रहा पानी कम है. छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा सीधे नदी में और अन्य स्रोतों के माध्यम से कम है. गर्मियों में मांग अधिक होती है और नदी के सूख जाने से अब आपूर्ति कम हो गई है.
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