दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए गाड़ियों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (Pollution Under Control Certificates) बनवाना अनिवार्य कर दिया है. प्रदूषण नियंत्रण डिवीजन की तरफ से जारी आदेश के अनुसार PUC प्रमाणपत्र नहीं होने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी.


परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक चेकिंग के लिए दिल्ली में 50 दल तैनात किए जाएंगे. यह दल वाहनों के PUC प्रमाणपत्र की जांच करेंगे और जिन लोगों के पास प्रमाणपत्र नहीं होंगे उनसे बनवाने का अनुरोध करेंगे.


PUC प्रमाणपत्र क्या है


वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सभी प्रकार की वाहनों की जांच की जाती है. जांच के दौरान यह देखा जाता है कि कोई वाहन तय मानकों से ज्यादा प्रदूषण तो नहीं कर रहा हैं. जिसके बाद PUC प्रमाणपत्र जारी किया जाता है.


PUC प्रमाणपत्र कौन जारी करता है


शहरों के लगभग हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र होता है. यह राज्य के परिवहन विभाग द्वारा अथॉराइज्ड होते हैं. PUC प्रमाणपत्र पर राज्य के परिवहन विभाग का नाम होता है. इसके अलावा प्रमाणपत्र जारी करने वाले का कोड और पता होता है.


PUC टेस्ट कैसे किया जाता है


PUC जांचकर्ता के पास कंप्यूटर से जुड़ा एक गैस ऐनालाइजर होता है इसके अलावा कंप्यूटर एक कैमरे और प्रिंटर से भी जु़ड़ा होता है. PUC जांच के लिए गैस ऐनालाइजर को वाहन के साइलेंसर में डालते हैं. इस दौरान वाहन को चालू रखते हैं. यह ऐनालाइजर गाड़ी से निकलने वाली धूएं की जांच करता है और आंकड़े बताता है. कैमरा वाहन के तस्वीर लेता है. वाहन तय मानक के भीतर है तो उसका PUC प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है.


प्रदूषण चेक करने की इस प्रक्रिया में पेट्रोल और डीजल वाहनों में थोड़ा अंतर है. पेट्रोल वाहनों को चेक करने के दौरान गाड़ी तो चालू रहती है लेकिन उसके एक्सलरेटर बिना दबाए केवल एक बार रीडिंग ली जाती है. वहीं डीजल वाहनों को चेक करते समय एक्सलेटर को पूरी तरह दबाया जाता है. और साइलेंसर से निकली धुएं की चार से पांच पर रीडिंग ली जाती है.


नए वाहनों को एक साल तक नहीं बनवाना पड़ेगा PUC प्रमाणपत्र


फोर व्हीलर वाहनों को एक साल तक PUC प्रमाणपत्र बनवाने की जरुरत नहीं है. लेकिन यह उस तारीख से माना जाएगा जिस तारीख में वाहन रजिस्ट्रेशन हुआ है. वहीं टू-व्हीलर के लिए PUC तीन महीने के लिए जरुरत नहीं है. 


किन वाहनों को नहीं पड़ता है PUC प्रमाणपत्र


बैटरी से चलने वाली कार, ई-रिक्शा और बैटरी से चलने वाली स्कूटी और बाइक बनवाने की जरुरत नहीं है.


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