Rajinder Nagar Election: गुरुवार को राजेंद्र नगर सीट पर चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. सीट पर असली मुकाबला AAP और BJP के बीच था. वैसे तो इस सीट पर आम आदमी पार्टी को हराना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा, लेकिन यदि इस सीट पर आप हारी तो इसके सियासी मायने काफी बड़े होंगे.
यदि केजरीवाल चुनाव जीतते हैं तो इस बात की ज्यादा चर्चा नहीं होगी, क्योंकि आमतौर पर उपचुनाव के नतीजे सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में ही आते हैं, लेकिन यदि इस सीट पर आप के उम्मीदवार दुर्गेश पाठक की हार हुई तो पूरे देश में पार्टी का विस्तार करने की योजना बना रहे केजरीवाल के लिए थोड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी. आइए जानते हैं कि AAP की हार या जीत से दिल्ली की सियासत पर क्या असल होगा.
केजरीवाल के विस्तार प्लान को लग सकता है झटका
दरअस्ल सीएम केजरीवाल पार्टी को विस्तार देने में जुटे हुए हैं. पंजाब के बाद अब केजरीवाल की निगाहें हिमाचल प्रदेश और गुजरात पर है. ऐसे में यदि आप उम्मीदवार को हार मिलती है तो उन्हें हिमाचल प्रदेश और गुजरात से अपना ध्यान हटाकर फिर से दिल्ली पर फोकस करना पड़ेगा.
समस्याओं का निकालना होगा समाधान
दरअसल बीजेपी ने विकास को मुद्दा बनाकर राजेंद्र नगर में चुनाव लड़ा है. बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान बिजली,पानी, सड़कों की खस्ता हालत का मुद्दा उठाया था. राजेंद्र नगर में अपने रोड शो के दौरान खुल केजरीवाल ने स्वीकार किया कि इलाके में पानी की समस्या है. उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द से जल्द इसे दूर करने की कोशिश करेंगे.
बीजेपी हो जाएगी हावी
लंबे समय से दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी यदि राजेंद्र नगर सीट जीतती है तो वह आप पर और हमलावर हो जाएगी और वह इस जीत को दिल्ली की जनता में आप के खिलाफ गुस्से के रूप में प्रकट करने की कोशिश करेगी.
वहीं यदि आप इस सीट पर चुनाव जीती तो वह इसे दिल्ली सरकार के काम को जनता के समर्थन के रूप में पेश करेगी. इस जीत से केजरीवाल अपने आलोचकों का मुंह चुप करा सकेंगे. यही नहीं वह और अधिक आत्मविश्वास के साथ पार्टी के विस्तार की योजना पर भी ध्यान दे सकेंगे. बता दें कि राजेंद्र नगर सीट पर पिछले दो चुनावों में आप को ही जीत मिली है.
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