Lok Sabha Elections 2024: AAP से गठबंधन की चर्चा के बीच LG से मिले दिल्ली कांग्रेस के नेता, कर दी ये मांग
Delhi Land Circle Rate: आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहली बार दिल्ली में अलग-अलग क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की दरें असमान तय की है, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है.
Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha ELections 2024) को ध्यान में रखते हुए एक तरफ गठबंधन की राजनीति चरम पर है तो दूसरी तरफ दिल्ली में सियासी दलों के बीच आंख मिचौली का सिलसिला जारी है. सूत्रों के मुताबिक आप (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच जिस तरीके से राजनीतिक खिचड़ी पकाने की कोशिश हो रही है, उसमें हकीकत कुछ और ही है. यही वजह है कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा के बावजूद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता अलका लांबा का बयान और अब दिल्ली कांग्रेस (Delhi ) के नेताओं का एलजी से मिलना चौंकाने वाला है. खास बात यह है कि दिल्ली कांग्रेस ने एलजी विनय कुमार सक्सेना (Vinai Saxena) से मिलकर दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट (, Delhi Land Circle Rate) बदलने की मांग की है.
दरअसल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार (Anil Chaudhary) के नेतृत्व में आज कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना से राज निवास में मिलकर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें यह मांग की गई कि दिल्ली सरकार द्वारा कृषि भूमि अधिग्रहण के सर्किल रेट की दरें लागू करने की असमानता को खत्म करके एक समान दरें तय की जाएं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कम से कम 6 करोड़ प्रति एकड़ सर्किल रेट होना चाहिए. इससे पूर्व दिल्ली में 7 बार सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं, जो पूरी दिल्ली में एक समान तय किए गए हैं. आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने पहली बार अलग-अलग क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की दरें असमान तय की है, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है.
सर्किल रेट तय करने में भी भ्रष्टाचार!
दिल्ली कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को एलजी वीके सक्सेना ने आश्वासन दिया कि इस संबध में मुझे भी जानकारियां प्राप्त हो रही हैं, कृषि भूमि अधिग्रहण दरें तय करने के पीछे भ्रष्टाचार होने की आशंका की जांच के मामले संवेदनशीलता से लिया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के अलावा उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी और पूर्व विधायक देवेन्द्र यादव, दिल्ली कांग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन और पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज एवं पूर्व विधायक विजय शामिल थे. चौधरी अनिल कुमार ने एलजी से कहा कि दिल्ली सरकार का कृषि भूमि के नए सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिल्लीवालों के खिलाफ है. क्योंकि प्रस्तावित कृषि भूमि का सर्किल रेट विभिन्न जिलों में अलग-अलग रखे गए हैं, जिसके कारण दिल्ली के किसानों में भारी असंतोष है. कृषि भूमि का सर्किल रेट एक समान होना चाहिए, क्योंकि इससे पूर्व भी सर्कल रेट एक समान थे. परंतु दिल्ली सरकार ने भू-माफिया और एक विशेष वर्ग को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से हरित क्षेत्र के गांव, शहरीकृत गांव और ग्रामीण गांव की श्रेणी में बांटकर कृषि भूमि के सर्किल रेट की दरें बढ़ाई हैं.
एक समान 6 करोड़ सर्किल रेट की मांग
आप सरकार ने किसानों के हितों से जुड़े मुद्दे कृषि भूमि सर्कल रेट बढ़ाने की नीति राजनीति स्वार्थ साधकर तय की है. उन्होंने कहा कि जहां नई दिल्ली जिला में 5 करोड़ प्रति एकड़ वहीं पूर्वी जिला में 2.25 करोड़ प्रति एकड़ तय करने की प्रस्तावना है. यह पहली बार हुआ है जबकि सर्कल रेट में इतना अधिक अंतर है. उत्तरी व पश्चिमी दिल्ली में प्रति एकड़ 3 करोड़ रुपये, दक्षिण पूर्व दिल्ली में 2.25 करोड़ प्रति एकड़ रखा है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व 7 बार दिल्ली में कृषि भूमि के सर्कल रेट बढ़ा, जिसे एक समान रखा गया. 1990 में 4.65 लाख प्रति एकड़, 1997 में 10 लाख प्रति एकड़, 1998 में शीला दीक्षित सरकार ने 11.20 लाख प्रति एकड़, 2001 में 15.70 लाख प्रति एकड़, 2005 में 17.58 लाख प्रति एकड़ और 2007 में 53 लाख प्रति एकड़ तय किया गया था. कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि पूरी दिल्ली में कृषि भूमि पर सर्किल रेट 6 करोड़ रुपये प्रति एकड़ और एक समान होना चाहिए.
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