DTC Low Floor Bus: क्या है हजार लो फ्लोर DTC बसों की नई शिकायत का मामला, जिसको LG ने सीबीआई के पास भेजा
दिल्ली में हजार लो फ्लोर बसों के मामले में एक और शिकायत जुड़ गई है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पर सख्त एक्शन लिया है.
DTC Bus Corruption News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा खरीदी गई 1,000 लो फ्लोर बसों के खरीद में कथित अनियमितता के मामले में एक और शिकायत जुड़ गई है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को प्रमुख सचिव की उस सिफारिश को मंजूरी दे दी जिसमें बसों में खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार के शिकायत को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने की बात कही गई थी.
आइए हम आपको बताते हैं कि इस मामले में नई शिकायत क्या है. इसके साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि यह पूरा मामला क्या है.
क्या है नई शिकायत
-एलजी सचिवालय को जून 2022 में एक शिकायत मिली थी जिसमें 3 आरोप लगाए गए हैं.
-दिल्ली के परिवहन मंत्री द्वारा डीटीसी बोर्ड का चेयरमैन बन जाने के मामले में नियमों के उल्लंघन का आरोप है.
-बसों के टेंडर और खरीद के लिए गलत काम को सुविधाजनक बनाने के लिए बिड मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर DIMTS की नियुक्ति की गई.
-जुलाई 2019 में 1,000 लो फ्लोर बीएस-IV और बीएस-VI बसों की खरीद और मार्च 2020 में लो फ्लोर बीएस-VI बसों की खरीद और वार्षिक रखरखाव अनुबंध के लिए बिडिंग यानी टेंडर की बोलियों में अनियमितता का आरोप लगाया गया.
जानें क्या है पूरा मामला
वहीं 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद का मामले की बात करें तो जुलाई 2019 में दिल्ली सरकार ने 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद की प्रक्रिया शुरु हुई.
-बीजेपी नेता और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस पर विजेंद्र गुप्ता ने एलजी से शिकायत कर दी.
-शिकायत में कहा गया कि मेंटनेंस का ठेका भी बस सप्लाई करने वाली कंपनी को ही दे दिया गया है जो गलत है.
-दलील दी गई है कि इस तरह बसों के सड़कों पर उतरते ही मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट भी लागू हो जाएगा जबकि बसों की तीन साल की वॉरंटी होनी चाहिए
- इस दौरान गड़बड़ियां आने पर मेंटनेंस के लिए एक भी पैसे नहीं देने होते हैं.
- विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में बसों की खरीद और उनके रखरखाव में पांच हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.
- मामले में तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर तीन सदस्यीय समिति ने एक रिपोर्ट पेश की थी.
- तीन सदस्यीय समिति ने एएमसी में प्रक्रियात्मक खामियां पाई थीं और इसे खत्म करने की सिफारिश की थी.