Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक दिन पहले सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया था. आज सीएम तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे. उसके बाद दिल्ली सचिवालय में लंबित अहम फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे. इस बीच, अहम सवाल यह है कि वह सबसे पहले किन-किन फाइलों पर ज्यादा जोर देंगे. 


दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल का जेल में होने की वजह से कई अहम फाइलों पर उनके हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. इनमें दिल्ली में मेयर का चुनाव नहीं होना सबसे ज्यादा अहम है. सिंतबर 2023 के बाद एनसीसीएसए (National Capital Civil Services Authority) की अभी तक बैठक नहीं हुई है. बैठक न होने से कई अहम मसलों पर फैसले पेंडिंग हैं. इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने बजट 2024 में दिल्ली की महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था. अब उस पर अमल करने का समय भी आ गया है. यह उन महिलाओं पर लागू होगी, जो कर के दायरे में नहीं आती हैं. 


सबसे पहले करेंगे ये काम 


इसके अलावे, नौकरशाहों के खिलाफ उनके अपने मंत्रियों द्वारा की गई कई शिकायतें सहित कई काम हैं जो पेंडिंग हैं, और उन पर काम आगे नहीं बढ़ पाया है. इंडियन एक्सप्रेस ने आप के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया है कि सीएम जेल से बाहर आने पर सबसे पहले साल बजट में आप सरकार द्वारा किए गए सबसे बड़े वादों में से एक शहर की महिलाओं के लिए 1,000 रुपये की सहायता की घोषणा, पर अमल करेंगे. 


जब 21 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था, तब इस योजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा था. सीएम के जेल जाने से फाइल अभी तक अटकी पड़ी है. यह पहली योजना होगी, जिसे वह कैबिनेट द्वारा पारित कराने की कोशिश करेंगे. ताकि अक्टूबर-नवंबर तक इसे लागू किया जा सके. 


अभी तक नहीं हुए मेयर चुनाव 


आप नेता के मुताबिक दूसरा सबसे अहम मसला मेयर चुनाव कराने का होगा. मेयर का चुनाव अप्रैल 2024 में होने की उम्मीद थी. उस समय एलजी विनय कुमार सक्सेना ने यह कहकर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने से इनकार कर दिया था कि सीएम अरविंद केजरीवाल "भ्रष्टाचार मामले" में जेल में हैं और "अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हैं." 


एलजी ने मेयर चुनाव से संबंधित फाइल को लेकर कहा था, "मैं, सीएम से हस्ताक्षर के बगैर मेयर चुनाव के लिए जरूरी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए प्रशासक के रूप में अपनी शक्ति का प्रयोग करना उचित नहीं समझता." उसके बाद बाद से दिल्ली मेयर का चुनाव लंबित है. 


2023 से नहीं हुई NCCSA की बैठक 


तीसरा मामला एनसीसीएसए (राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण) की बैठक बुलाने का होगा. सितंबर 2023 से एनसीसीएसए की बैठक नहीं हुई है. दिल्ली के सयह निकाय दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले नौकरशाहों के स्थानांतरण, नियुक्ति और सतर्कता संबंधी मामलों के बारे में निर्णय लेने का काम करता है. इसके अध्यक्ष केजरीवाल हैं और प्रमुख सचिव (गृह) और मुख्य सचिव इसके सदस्य हैं. बता दें कि दिल्ली में शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों और मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों के तबादलों सहित कई मामले लंबित हैं.


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