Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों बाढ़ के कहर से जूझ रही है. यमुना का जलस्तर तो कम होने लगा है लेकिन दिल्ली के कई इलाके बाढ़ के पानी में डूबे नजर आ रहे है. इन इलाकों में राजघाट, कश्मीरी गेट, आईटीओ और अन्य इलाके शामिल है. ऐसी स्थिति में अगर ध्यान नहीं दिया गया तो सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं खड़ी हो सकती है. 


गंदे पानी से पनपेगी बिमारियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ के गंदे पानी की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती है. यमुना नदी का पानी सीवेज, हानिकारक पदार्थों, औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले अपशिष्टों से दूषित हो सकता है. इस पानी की वजह से हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और गैस्ट्रोएंटेराइटिस और अन्य गंदे पानी से होने वाली बीमारियां फैल सकती है. बाढ़ के पानी के संपर्क में आने या पीने से संक्रमण हो सकता है. यहीं नहीं जब बाढ़ का पानी जमा हो जाता है तब वो मच्छरों का प्रजनन स्थल बन जाता है.


बिमारियों से बढ़ सकता है खतरा
गंदे पानी में मच्छरों की वजह से डेंगू बुखार, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बिमारियां जो मच्छरों के द्वारा फैलती है वो तेजी से फैल सकती है. इन बिमारियों को फैलाने वाले कीड़ों की वजह से प्रकोप और ज्यादा बढ़ सकता है. गंदे पानी के संपर्क में आने से त्वचा संबंधी रोग हो सकते है. इसके अलावा इस दूषित पानी के संपर्क में आने से जलन, फंगल, त्वचा पर चकत्ते और अन्य तरह के संक्रमण भी हो सकते है.


पीने के पानी की भी खड़ी होगी समस्या
वहीं आपको बता दें कि दिल्ली में पीने के पानी की समस्या भी खड़ी होने वाली है. यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 3 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद कर दिया गया था. जिसकी वजह से अब 20 से ज्यादा इलाकों में पानी की समस्या खड़ी हो सकती है. सीएम केजरीवाल ने खुद ट्वीट कर बताया था कि एक दो दिन पीने के पानी की किल्लत झेलनी पड़ सकती है.


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