10 लाख से ज्यादा है हर रोज की फीस, जानिए Aryan Khan को बेल दिलाने वाले वकील मुकुल रोहतगी कौन हैं?
आर्यन खान को जेल से छुड़ाने वाले वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी भी हैं. मुकुल रोहतगी ने अबतक कई बड़े केस लड़ चुके हैं. जिसमें योगेश गौड़ा मर्डर केस और जज बीएच लोया केस है.
मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में आर्यन खान को 25 दिन बाद राहत मिली है. आर्यन खान जमानत याचिका पर तीन दिन तक लगातार सुनावाई के बाद उन्हें बॉम्बे हाइकोर्ट ने बेल दे दी. हालांकि अभी उन्हें जेल से बाहर निकलने में दो से तीन दिन लग जाएंगे. बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने अपने बेटे को एनसीबी की कस्टडी से बचाने के लिए कई हाई प्रोफाइल वकीलों को हायर किया था. आर्यन को बेल दिलाने वाले वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी हैं.
मुकुल रोहतगी कौन हैं
मुकुल रहतोगी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हैं. इससे पहले वह साल 2014 से साल 2017 तक देश के 14वें अटॉर्नी जनरल थे. 66 वर्षीय मुकुल रोहतगी साल 2011 से साल 2014 तक एडिशन सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) भी रह चुके हैं.
मुकुल रोहतगी अधिवक्ता के तौर पर कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी कर चुके हैं. साल 2002 में हुए गुजरात दंगे में वह गुजरात सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए थे. इसके अलावा उनके कुछ चर्चित केस बेस्ट बेकरी केस, जाहिरा शेख मामला, योगेश गौड़ा मर्डर केस और जज बीएच लोया केस है.
मुकुल रोहतगी कि कितनी है फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रोहतगी एक सुनवाई के लिए लगभग 10 लाख रुपए की फीस लेते हैं. हालांकि एक RTI में दिए जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने बताया था कि उन्होंने सीनियर काउंसिल मुकुल रोहतगी को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जज बीएच लोया केस के लिए फीस के रूप में 1.21 करोड़ रुपए दिए थे.
अरुण जेटली से थी दोस्ती
मुकुल रोहतगी बीजेपी के नेता अरुण जेटली के दोस्त रह चुके हैं. मुकुल रोहतगी ने कई बार अरुण जेटली से अपने संबंधों का जिक्र कर चुके हैं कि साल 2019 में अरुण जेटली के निधन के बाद उन्होंने एक बार बताया था कि अरुण जेटली का चैंबर और उनके चैंबर से बगल में था.
असिस्टेंट के तौर पर की करियर की शुरुआत
मुकुल रोहतगी अपने पिता के पदचिह्नों पर चल रहे हैं. उनके पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट में जज थे. मुंबई के गवर्मेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी. लॉ करने के बाद वह मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के साथ असिस्टेंट के तौर पर करियर की शुरुआत की. साल 1999 में वह एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने. उनकी पत्नी वसुधा रोहतगी भी पेशे से वकील हैं.
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