Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) को राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. स्वाति मालीवाल को मौजूदा राज्यसभा सांसद सुशील कुमार गुप्ता की जगह उम्मीदवार बनाया गया है. आप की ओर से शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. स्वाति मालीवाल को साल 2015 में डीसीडब्ल्यू के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
मालीवाल ने इस दौरान एसिड हमलों, यौन उत्पीड़न और दिल्ली में महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों के समाधान के लिए पहल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. यही नहीं महिलाओं के कल्याण के प्रति उनके समर्पण और अधिकारों की वकालत करने के अथक प्रयासों ने उन्हें भारत में सामाजिक सक्रियता के क्षेत्र में एक प्रमुख महिला बना दिया. वह महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक मुद्दों के लिए एक सक्रिय वकील रही हैं. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुकाबला करने, सख्त कानूनों की वकालत करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अलग-अलग अभियानों और आंदोलनों से जुड़ी रही हैं.
कौन हैं स्वाति मालीवाल?
- मालीवाल का जन्म 15 अक्टूबर 1984 को गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था.
- एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से आईटी में बैचलर डिग्री हासिल की.
- 21 साल की उम्र में ही उन्होंने कॉर्पोरेट करियर छोड़कर 'परिवर्तन' नामक सामाजिक संस्था से जुड़ गईं.
- इसके बाद अन्न हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन 'इंडिया अंगेस्ट करप्शन' का हिस्सा बन गईं और अरविंद केजरीवाल की खास हो गईं.
- स्वाती मालीवाल ने नवीन जयहिंद से शादी की थी. हालांकि, 2020 में दोनों का तलाक हो गया था.
1.7 लाख से ज्यादा मामलों को देखा
स्वाति मालीवाल ने सामाजिक क्षेत्र में आने के बाद कई ऐसे काम किए, जिसकी खूब चर्चा हुई. साल 2008 में जब बिहार को विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा, तब मालीवाल ने 24 साल की उम्र में राहत सुविधाओं की वकालत करते हुए अकेले प्रभावित क्षेत्रों में गईं. वह 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की 23 सदस्यीय कोर समिति का हिस्सा बन गईं. इस दौरान उन्होंने एक मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी कानून की मांग के लिए युवाओं को प्रभावी ढंग से संगठित किया. मालीवाल ने निर्भया के साथ हुए जघन्य गैंगरेप के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
साल 2015 में मालीवाल भारत में महिला आयोग की अध्यक्ष बनने वाली सबसे कम उम्र की महिला थी. दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद को संभालने के बाद उनके नेतृत्व में 1.7 लाख से अधिक मामलों को प्रभावी ढंग से उठाया. मालीवाल ने दिल्ली में किसी भी संकटग्रस्त महिला या बच्चे की सहायता के लिए एक महिला हेल्पलाइन (181) शुरू की और उस पर अब तक 40 लाख कॉल आए हैं. पिछले आठ सालों में दिल्ली महिला आयोग ने मालीवाल के नेतृत्व में 2500 से अधिक महिलाओं और बच्चों को तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम और अवैध कारावास जैसे अलग-अलग मामलों से बचाया है. यही नहीं इस दौरान उन्होंने तमाम तरह के धरना-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और पीड़ितों की आवाज उठाई.
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