I.N.D.I.A गठबंधन में कौन होगा PM का चेहरे? BJP की आलोचना पर सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाब
I.N.D.I.A गठबंधन में प्रधानमंत्री के चेहरे और सीटों के बंटवारे को लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि भारत में एक ऐसी सरकार आए जो गरीबों के लिए काम कर सके.
Lok Sabha Elections 2024: I.N.D.I.A गठबंधन में प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा? इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. इसे लेकर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पीएम के चेहरे को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन की आलोचना की तो दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने इसका जवाब दिया.
‘महत्वाकांक्षा रखना कोई गलत बात नहीं’
PM के चेहरे को लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सब दलों के नेताओं की कार्यकर्ताओं की आकांक्षा होती है कि हमारे दल का नेता प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बने. इस प्रकार की महत्वाकांक्षाएं होना कोई गलत नहीं है. कोई भी दल राजनीति में होता है तो इस तरह की बात तो होती ही है. लेकिन सब दलों ने एक बात कही है चाहे वो जेडीयू हो, आरजेडी हो, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस या फिर टीएमसी हो किसी की महत्वकांक्षा अपने दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाने की नहीं है. पहली प्राथमिकता हमारी ये है कि भारत में एक ऐसी सरकार आए जो गरीबों के लिए काम कर सके.'
#WATCH | On BJP criticising INDIA alliance over the question of a PM face, Delhi Minister and AAP leader Saurabh Bharadwaj says, "All political parties, leaders and their workers do have ambitions...PM Modi became the Prime Minister after suppressing the ambitions of several… pic.twitter.com/cGdTrVAiHT
— ANI (@ANI) September 13, 2023 [/tw]
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई नेताओं की महत्वाकांक्षाओं को दबाने के बाद पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने हैं. बीजेपी में. आज भी कई लोगों की वह महत्वाकांक्षा है. महत्वाकांक्षा होनी चाहिए. अगर वह महत्वाकांक्षा मार दी गई है, तो इसका मतलब है कि तानाशाही है. महत्वाकांक्षा अच्छी है.
सीटों के बंटवारे पर भी बोले भारद्वाज
वहीं भारत गठबंधन समन्वय समिति की बैठक और गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह देश के लिए एक बड़ा मामला है कि 12 राज्यों में शासन करने वाले बड़े विपक्षी दल लगातार बैठकें कर रहे हैं. कई प्रयास किए गए. उनके बीच दरार पैदा करने के लिए, लेकिन वे सकारात्मक रूप से एक उद्देश्य के साथ एक साथ हैं. भारत में एक ऐसी सरकार बनाएं जो गरीबों के कल्याण के लिए काम करेगी. मुझे लगता है कि सभी पार्टियां एक फॉर्मूला लेकर आएंगी और उसके आधार पर, या पूर्व अनुभव के आधार पर सीटों का बंटवारा होगा.
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