दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के 250 वार्ड के परिसीमन का कार्य पूरा हो गया है. केंद्र सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इससे दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi MCD Election) का रास्ता साफ हो गया है. इसके बाद से दिल्ली में एमसीडी चुनाव की गतिविधियां तेज हो गई हैं. उम्मीद की जा रही है कि चुनावों की तारीखों का ऐलान जल्द हो जाएगा. पिछले तीन बार से एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी (BJP) एक बार फिर चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इस बार उसे कांग्रेस (Congress) से ज्यादा आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) से चुनौती मिल रही है. इससे निपटने के लिए उसके राष्ट्रीय से लेकर लोकल स्तर तक के नेता लगे हुए हैं. 


एमसीडी चुनाव और बीजेपी


एमसीडी चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में 'पंच परमेश्वर' सम्मेलन का आयोजन किया था. इसमें हर बूथ से पांच कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था. इस सम्मेलन को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संबोधित किया था. इसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के सवाल पर दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी पर जमकर शब्दवाण चलाए. उन्होंने कहा था कि आप ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से चुनाव तैयारियों में जुटने को कहा था. यह एमसीडी चुनाव के लिए बीजेपी का शंखनाथ था. नड्डा ने भले ही रामलीला मैदान से चुनाव का शंखनाद किया हो. लेकिन दिल्ली बीजेपी ने चुनाव तैयारियां बहुत पहले से ही शुरू कर दी थीं. इसी के तहत उसने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का काम देखने गए अपने नेताओं को अगस्त में ही वापस बुला लिया था. 


दिल्ली की राजनीति में बीजेपी की पहले कांग्रेस से टक्कर हुआ करती थी, लेकिन अब उसका मुकाबला भ्रष्टाचार के खिलाफ बनी आम आदमी पार्टी से है. दिल्ली में 2017 में हुए नगर निगम के चुनाव में बीजेपी को 181, आप को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 सीटों पर जीत मिली थी. उस समय दिल्ली में तीन नगर निगम थे. बीजेपी को एमसीडी की सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्से में बांट दिया था. वहीं अब आप से मिल रही चुनौती से निपटने के लिए बीजेपी की केंद्र सरकार ने इस साल अप्रैल में तीनों निगमों का एकीकरण कर दिया था. एकीकरण के बाद हुए परिसीमन में दिल्ली में वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 रह गई. 


आम आदमी पार्टी की चुनौती


आम आदमी पार्टी से मिल रही चुनौती को देखते हुए बीजेपी उसे भ्रष्टाचार के नाम पर घेर रही है. पिछले दिनों दिल्ली की आबकारी नीति पर हुई सीबीआई और ईडी की कार्रवाई को इससे जोड़कर देखा जा सकता है. बीजेपी आप को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली जीत से आम आदमी पार्टी के हौंसले बुलंद हैं. लेकिन दिल्ली में आप की राह आसान भी नहीं है. क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत हासिल करने के बाद भी वह 2017 के एमसीडी चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी.  


दिल्ली की राजनीति में 35 फीसदी वोट का आंकड़ा बहुत महत्वपूर्ण है. बीजेपी पिछले तीन चुनाव में इससे अधिक वोट लाकर एमसीडी की सत्ता में अपनी बादशाहत कायम रख पाई. अपने विरोधी मतों में बिखराव का फायदा बीजेपी को मिलता रहा है. पहले उसे कांग्रेस, बसपा और जनतादल जैसे दलों से चुनौती मिलती थी. लेकिन इस बार कांग्रेस के कमजोर होने से मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा एमसीडी के चुनाव में बाजी किसके हाथ लगती है. 


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