Delhi Saket Court Firing: दिल्ली की अदालतें असुक्षित क्यों? फायरिंग के बाद खुलकर सामने आए कई 'राज '
Saket Court Firing: साकेत कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों का दावा है कि कई वकील सुरक्षाकर्मियों को अपनी तलाशी नहीं लेने देते.
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Delhi Saket Court Firing Update: दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में एक दिन पहले फायरिंग और आरोपी का मौके से फरार होने की घटना ने न केवल सभी को सकते में डाल दिया है, बल्कि सभी जिला अदालतों में सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए जाने लगे हैं. एलजी से लेकर दिल्ली पुलिस तक सवालों के घेरे में हैं. ऐसा होना भी वाजिब है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली पुलिस के नाक के नीचे से हिस्ट्रीशीटर कोर्ट परिसर में प्रवेश करता है और चार राउंड फायरिंग कर मौके से फरार हो जाता है.
बता दें कि शुक्रवार को साकेत कोर्ट परिसर के अंदर वकील के भेष में एक व्यक्ति पिस्तौल लेकर अदालत परिसर में घुस गया. उसने 25 लाख रुपये के विवाद में एक महिला पर कई राउंड गोलियां चलाई. हमलावर से बचने की कोशिश में महिला वकीलों के ब्लॉक की ओर भागी. इस दौरान महिला को पेट और हाथ में गोली लगी है. एक प्रत्यक्षदर्शी वकील ने कहा कि हमलावर द्वारा दायर धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद महिला वकीलों के ब्लॉक में आई थी. आरोपी ने जब महिला से दुर्व्यवहार किया तो मैंने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वह महिला है, उसे गाली न दें, पह वह नहीं माना. इसके बाद क्या हुआ, पता नहीं, आरोपी ने पिस्तौल निकाली और महिला पर गोली चलानी शुरू कर दी.
सुरक्षा में खामी की वजह कहीं ये तो नहीं
फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने कोर्ट परिसर के अंदर ब्रेकर्स की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों के जवानों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों का दावा है कि कई वकील सुरक्षाकर्मियों को अपनी तलाशी नहीं लेने देते. गेट नंबर-3 के सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया कि उन्होंने अपने पास से गुजरने वाले सभी लोगों की तलाशी ली और उनके सामान की जांच की. पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी भी सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए दूसरी बार अदालत परिसर पहुंचे और सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में वकील संघ के सदस्यों के साथ चर्चा की.
वकीलों के वाहनों की भी हो जांच
दूसरी तरफ फायरिंग की घटना के बाद कुछ वकीलों ने प्रवेश द्वारों पर सख्त निगरानी रखने, कोर्ट कैंपस में एंट्री करने वाले हर व्यक्ति की तलाशी लेने और उनके वाहनों की अच्छी तरह से जांच करने की अपील की है. कुछ वकीलों ने जोर देकर कहा कि वे खुद की जांच कराते हैं और सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं.
फायरिंग की घटना चिंता की बात
अदालत परिसर में सुरक्षा के सवाल पर वकीलों का कहना है कि गेट नंबर चार से परिसर में प्रवेश की इजाजत है. गेट नंबर पांच हमेशा बंद रहता है. गेट नंबर 6 से कोई भी बाहर निकल सकता है, लेकिन केवल न्यायाधीश ही इससे प्रवेश कर सकते हैं. न्यायाधीश गेट नंबर-1 से प्रवेश कर सकते हैं. पैदल यात्रियों को इससे प्रवेश की इजाजत नहीं है. गेट नंबर-2 से केवल वकील, पुलिस और अदालत के कर्मचारी ही प्रवेश कर सकते हैं. गेट नंबर-3 और 4 सभी के लिए खुले रहते हैं,पर किसी भी वाहन को इनसे प्रवेश करने की इजाजत नहीं है. वकीलों का कहना है किगेट नंबर 3 और 4 पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. अदालत परिसर के अंदर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे हैं. इसके बावजूद हथियार लेकर कोर्ट के अंदर किसी का प्रवेश करना गंभीर चिंता का विषय है.
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