Delhi CM Arvind Kejriwal Meeting: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सभी सियासी झंझावातों के बीच एक दिन पहले यमुना की सफाई और हर घर सीवर कनेक्शन (Har Ghar Sewer Connect scheme) को लेकर वरिष्ठ नौकरशाहों और योजनाकारों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम ने यमुना की सफाई और 'हर घर को सीवर कनेक्शन से जोड़ने पर सबसे ज्यादा जोर दिया. उन्होंने बारीकी से दिल्ली में सीवर विकास कार्यों को लेकर जानकारी भी हासिल की. इसके बाद उन्होंने साल 2023 समाप्त होने से पहले हर घर सीवर कनेक्शन योजना पर वार फुट पर अमल करने का निर्देश भी नौकरशाहों को दिया है.
खास बात यह है कि अभी तक इस योजना पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इतनी गंभीरता कभी नहीं दिखाई थी. इसका मतलब ये नहीं है कि उनकी हर घर सीवर कनेक्ट योजना में रुचि नहीं थी, लेकिन सीएम ने जितनी रुचि अब दिखाई है वो पहले कभी नहीं दिखाई. यही वजह है कि नौकरशाही गलियारों से लेकर दिल्ली की राजनीति से वास्ता रखने वाले लोग इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि आखिर केजरीवाल कहीं कोई सियासी मॉडल का खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं. अरविंद केजरीवाल कहीं शिक्षा और स्वास्थ्य के बाद अब दिल्ली में सीवर योजना को अपने सुशासन का मॉडल बनाने की योजना पर तो काम नहीं कर रहे हैं? हालांकि, इस बात की किसी ने आधिकारिक रूप से चर्चा नहीं की है, इसलिए इन सवालों का जवाब जानने के लिए सभी के पास इंतजार करना ही एक मात्र विकल्प है.
कहीं केजरीवाल की योजना ये तो नहीं
सीएम अरविंद केजरीवाल के इस रुख को लेकर चर्चा ये भी है कि आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सीवर परियोजना को पूरा कर सुशासन का नया नारा गढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है. ताकि आम आदमी पार्टी सीएम अरविंद केजरीवाल को पीएम नरेंद्र मोदी का बेहतर विकल्प बता सके. कहा तो ये भी जा रहा है कि सीएम केजरीवाल शिक्षा और सफाई के बाद हर घर सीवर कनेक्ट योजना को लोकसभा चुनाव से पहले पूरा कर इसे अपने सुशासन को तीसरा मॉडल होने का दावा कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो ये भी कहा जाएगा कि पीएम नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान और नमामि गंगे योजना के तहत जो काम नहीं कर सके, वो काम दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने कर दिया. हर घर को सीवर से कनेक्ट कर न केवल दिल्ली के लोगों को सीवर की समस्या से निजात दिलाई, बल्कि यमुना को भी पूरी तरह से साफ कर दिखाया. यमुना को साफ करने का दावा इसलिए भी किया जा सकता है कि उनकी योजना दिल्ली के सभी गंदे पानी को सीवर लाइन के जरिए यमुना में जाने से रोकना है. दिल्ली सरकार की योजना सीवर लाइन के जरिए गंदे पानी को एसटीपी तक पहुंचाने की है. ताकि गंदे पानी को ट्रीटकर उपयोगी बनाना संभव हो सके. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही वह दिल्ली में सीवर योजना को लेकर जारी काम का सुपरविजन अपने हाथों में ले लिया है. इतना ही नहीं, वो इस परियोजना को लोकसभा चुनाव 2023 से पहले पूरा भी करना चाहते हैं.
बता दें कि नमामि गंगे कार्यक्रम मोदी सरकार की एक एकीकृत संरक्षण मिशन है जिसे जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 'फ्लैगशिप कार्यक्रम' के रूप में लागू किया था. ताकि प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प जैसे दोहरे उद्देश्यों को पूरा किया जा सके.
सीएम ने बैठक में क्या कहा?
दरअसल, दिल्ली में सीवर डेवलपमेंट योजना पर तेजी से काम जारी है. यह एक ऐसा काम है जिसमें टाइम लगता है. केजरीवाल सरकार दिल्ली की 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन का जाल बिछाना चाहती है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरी दिल्ली को सीवर नेटवर्क से जोड़ना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. ताकि यमुना में जरा भी गंदा पानी गिरने न पाए. हम यमुना को जल्द से जल्द साफ करना चाहते हैं. हर घर को सीवर कनेक्शन, यमुना सफाई कार्य योजना और हर घर को साफ पानी मुहैया कराने के प्रोजेक्ट्स की अब हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने यमुना सफाई परियोजना के संदर्भ में सीवरेज ढांचे की स्थिति की भी समीक्षा की. सीवर सिस्टम के जरिए केजरीवाल सरकार 100 फीसदी गंदे पानी को उपयोगी वाटर के रूप में तब्दील करना चाहती है. इसको लेकर 4 फोकस क्षेत्रों की पहचान की है. इनमें ओखला, दिल्ली गेट और सोनिया विहार में 3 नए एसटीपी का निर्माण, 40 नए डीएसटीपी का निर्माण, 3 मौजूदा एसटीपी का पुनर्वास और 18 मौजूदा एसटीपी की उन्नयन और क्षमता बढ़ाना भी शामिल है.
इसके अलावा दिल्ली के 40 नए डीएसटीपी सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर में 92 एमजीडी की क्षमता से जोड़ने की योजना है. इनमें से 29 डीएसटीपी दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएंगे. तीन एसटीपी के पुनर्वास के माध्यम से दिल्ली सरकार अपने नेटवर्क में 70 एमजीडी की क्षमता जोड़ेगी. कोंडली का 25 एमजीडी क्षमता का फेज-2 जून 2023 तक तैयार हो जाएगा. 40 एमजीडी क्षमता का रिठाला एसटीपी भी जून 2023 तक तैयार हो जाएगा, जबकि फेज दो के यमुना विहार के 5 एमजीडी क्षमता का एसटीपी सितंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा. इसी तरह केजरीवाल सरकार पूरी दिल्ली में नालों की टैपिंग पर भी तेजी से काम कर रही है. इस परियोजना में बारापुला नाला, महारानी बाग नाला और मोरी गेट नाला जैसे प्रमुख नालों की टैपिंग के साथ-साथ नजफगढ़, शाहदरा और अन्य बड़े नालों में गिरने वाले दिल्ली के 76 छोटे नालों की टैपिंग भी शामिल है. बारापुला नाला, महारानी बाग नाला और मोरी गेट नाले की टैपिंग में कुल 48.14 एमजीडी सीवेज को नवीनतम मानकों के अनुसार साफ किया जाएगा. 76 छोटे नालों की टैपिंग करके 242 एमजीडी सीवेज को साफ किया जाएगा. इसी तरह पूरी दिल्ली में सीवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर काम को तेजी से अंजाम देने की योजना है.
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