(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली की हवा पर बेअसर क्यों रही दिवाली की आतिशबाजी? 2015 के बाद मिली सबसे साफ एयर क्वालिटी
Delhi Pollution: पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार दिल्ली वालों ने दिवाली पर जमकर आतिशबाजी की. इसका असर यह हुआ कि एक्यूआई और ध्वनि प्रदूषण में पिछले साल की तुलना में वृद्धि दर्ज हुई.
Delhi AQI: दिवाली की रात नौ साल बाद अच्छे मौसम ने दिल्लीवासियों को बदनाम होने से बचा लिया. यही वजह है कि दिवाली की रात दिल्ली वालों में जमकर आतिशबाजी की. इसके बावजूद दिवाली के बाद दिल्ली की हवा को गंभीर श्रेणी में दर्ज होने बचा लिया.
दरअसल, साल 2015 के बाद दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार की वजह से दिल्ली के लोगों ने अप्रत्याशित राहत का अनुभव किया. ऐसा इसलिए संभव हुआ कि दिवाली की रात दिल्ली में निरंतर तेज हवाएं चलीं, जिससे घने धुएं की परत तेजी से छंट गई और शुक्रवार शाम 4 बजे तक AQI 339 तक नीचे आ गया, जो शाम 7 बजे तक और सुधरकर 323 हो गया.
ध्वनि प्रदूषण में बढ़ोतरी
बता दें कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार दिल्ली वालों ने दिवाली पर पाबंदी के बावजूद जमकर आतिशबाजी की. डीपीसीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार दिवाली के दिन दिल्ली के ध्वनि स्तर में पिछले साल की तुलना में वृद्धि देखी गई.
शाम छह बजे से आधी रात तक डेसीबल (डीबी) में मापी गई रीडिंग से पता चला कि करोल बाग में ध्वनि स्तर शहर में सर्वाधिक दर्ज किया गया और औसत स्तर 88.7 डीबी रहा, जबकि 2023 में ध्वनि का स्तर 84.5 डीबी दर्ज किया गया था.
अलीपुर और नजफगढ़ में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जहां ध्वनि का स्तर क्रमशः 58.0 डीबी और 58.3 डीबी तक पहुंच गया, जो 2023 की तुलना में पांच प्रतिशत और आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई.
दिल्ली के आवासीय क्षेत्रों में मुंडका में शोर के स्तर में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अशोक विहार में मामूली गिरावट देखी गई. रिपोर्ट के अनुसार वाणिज्यिक क्षेत्र भी प्रभावित हुए. कनॉट प्लेस और द्वारका दोनों में ध्वनि स्तर में वृद्धि दर्ज की गई जो क्रमशः 70.9 डीबी और 74.0 डीबी तक पहुंच गया.
इसके विपरीत, कश्मीरी गेट में ध्वनि के स्तर में छह प्रतिशत की कमी आई जो 2023 में 73.8 डीबी से इस वर्ष 69.3 डीबी हो गया. औद्योगिक क्षेत्रों में भी मिश्रित परिणाम दर्ज किए गए, जहां वजीरपुर में ध्वनि के स्तर में तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि नरेला में 1.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
बैन के बाद भी हुई आतिशबाजी
दिल्ली में जमकर आतिशबाजी उस स्थिति में भी हुई जब प्रदूषण से निपटने के प्रयास में दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष पटाखों के विनिर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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