Delhi News: पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Air Pollution) की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार जद्दोजहद में जुटी है, लेकिन वायु प्रदूषण के हालात आज भी गंभीर ही हैं. बेकाबू प्रदूषण की समस्या को देखते हुए 6 नवंबर को दिल्ली सरकार ने चार साल बाद फिर से सम-विषम (Delhi Odd-Even Scheme) नियम लागू करने की घोषणा की. दिल्ली में ऑड-ईवन योजना 13 नवंबर 2023 से प्रभावी माने जाएंगे.  


दीर्घकालिक स्तर पर नहीं मिलेगा लाभ


ल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को घोषणा की थी कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद के तौर पर शहर में 13 से 20 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू की जाएगी. दिल्ली सरकार के इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. पर्यावरणविदों का कहना है कि इस नियम को लागू करने से प्रदूषण से निपटने में दीर्घकालिक स्तर पर लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि यह बढ़ते प्रदूषण से केवल कुछ दिनों की राहत दिलाएगी. 


15 से 20k EV बसों की जरूरत


पर्यावरणविद ज्योति पांडे लवकरे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हम दिल्ली की जहरीली हवा में मर रहे हैं. पूरे साल प्रदूषण का स्तर ऊंचा रहता है. हकीकत यह है कि दिल्ली में हमने खराब वायु गुणवत्ता को सामान्य बना दिया है. साथ ही इस मसले का अब राजनीतिकरण कर दिया गया है. ’’ ज्योति पांडे के मुताबिक जब आपके पास पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन बस ही नहीं हैं, तो आप इस योजना को कैसे लागू करेंगे. हमें कम से कम 15 हजार से 20 हजार इलेक्ट्रिक बस की जरूरत है, लेकिन हमारे पास कम हैं. प्रदूषण का समाधान अधिक इलेक्ट्रिक बस तैनात करने, नियमित अंतराल पर बस की उपलब्धता और दिल्ली मेट्रो की तरह स्टॉप पर बसों के आगमन का समय दिखाने वाली डिजिटल समय सारणी रखने में निहित है. ताकि लोग तदनुसार योजना बना सकें. 


2016 में सिर्फ 2 से 3% की आई थी कमी  


पर्यावरणविद् भवरीन कंधारी ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए हैं. कंधारी का कहना है कि ऐसे उपायों को एक सप्ताह के लिए लागू करने के बजाय, उन्हें पूरे वर्ष लागू किया जाना चाहिए. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-दिल्ली के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में पाया गया था कि जब जनवरी 2016 में पहली बार यह नियम लागू किया गया था, तब वायु प्रदूषण में केवल दो से तीन प्रतिशत की कमी आई थी.


2016 में पहली बार हुआ था लागू


सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने सम या विषम पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों में चलाने की अनुमति देने वाले फार्मूले पर पहली बार 2016 में नवरी में लागू किया था.उसके बाद इसे उसी वर्ष अप्रैल में लागू किया गया. इस योजना के तहत आपातकालीन और पुलिस वाहनों, दोपहिया वाहनों, महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली कारों को छूट दी गई थी. वर्ष 2019 में जब यह योजना नवंबर में लागू की गई थी, तो चिकित्सा आपातकालीन वाहनों और वर्दी में स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहनों के साथ-साथ दोपहिया और इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट दी गई थी. इसके अलावा इसमें अति विशिष्ट लोगों, केवल महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को ले जाने वाले वाहनों को भी छूट दी गई.


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