Delhi News: पश्चिमी दिल्ली के नारायणा इलाके में “गैस रिसाव” की संदिग्ध घटना के बाद शुक्रवार को पास के एमसीडी स्कूल के 28 बच्चों को अस्तापल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. अस्पताल में भर्ती कराए गए बच्चों में दो को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कथित तौर पर हानिकारक धुएं में सांस लेने के कारण स्कूली बच्चे बीमार पड़े. इस बात की आधिकारिक तौप पर न तो एमसीडी ने न ही दिल्ली सरकार व अस्पताल प्रशासन ने पुष्टि की है. नॉदर्न रेलवे ने रेल टैंकर से गैस रिसाव की आशंका को खारिक किया है. 


दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने कहा कि राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखी गई दो लड़कियां और अन्य छात्र ठीक हैं. अस्पताल में बीमार छात्रों से मुलाकात करने के बाद आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि पास में रेलवे ट्रैक से गुजर रही एक ट्रेन से गैस लीक हुई. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने भी अपने एक बयान में कहा, “गैस रिसाव पास में रेलवे की पटरी पर हुआ.”


फूड प्वाइजनिंग से चिकित्सकों का इनकार


आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने घटना के बाद आरएमएल अस्पताल में पीड़ित छात्र-छात्राओं को भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती सभी छात्र ठीक हैं. चिकित्सकों की प्रारंभिक जांच में भोजन विषाक्तता की संभावना से इनकार किया गया है. यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि यह गैस कहां से आई, क्योंकि स्कूल में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे रिसाव होता. पाठक ने कहा, 'लोग कह रहे हैं कि एक ट्रेन गुजर रही थी और संभवत: यह गैस की गंध वहीं से आई. एमसीडी की एक टीम इसकी जांच कर रही है. हमने चिकित्सकों से बात की है. बच्चों को देर शाम तक छुट्टी दे दी जाएगी.' 


अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज


दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 284 (जहरीले पदार्थ के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) और 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस उपायुक्त ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, ''गैस की गंध कुछ कक्षाओं में फैल गई, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी. गैस की गंध कम हो गई है, लेकिन एहतियातन सभी कक्षाएं खाली करा दी गई हैं.'


एमसीडी करे मामले की जांच 


दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरएमएल अस्पताल में पीड़ित छात्र-छात्राओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि न तो छात्र-छात्राएं और न ही शिक्षक बता पा रहे हैं कि यह घटना कैसे हुई? एमसीडी को इसकी जांच करनी चाहिए.  बीजेपी के मुताबिक  छात्रों ने बताया कि वे अपनी कक्षा में बैठे थे, तभी बहुत तेज गंध आई, जिससे उन्हें उल्टी हुई और वे बेहोश हो गए.


परिजनों को MCD ने सूचना तक नहीं दी


चौथी क्लास में पढ़ने वाली वंशिका के पिता अमृतलाल ने बताया कि हमें तो स्कूल से कुछ सूचना नहीं दी गई. मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि स्कूल में कुछ बच्चियां बेहोश हो गई हैं. स्कूल वाले कह रहे हैं कि एक ट्रेन गुजरी और उसके बाद बच्चियों को उल्टी और सांस लेने में दिक्कत हुई. हमें लगता है कि खाने में ही कुछ गड़बड़ थी. आलिया के मामा बंटी ने बताया कि मेरी दो भांजी इस स्कूल में पढ़ती हैं. स्कूल से अपने आप ही घर आ जाती थीं, लेकिन आज नहीं आई तो हम स्कूल गए. स्कूल जाकर पता चला कि आलिया की तबीयत खराब हो गई है, जबकि छोटी वाली ठीक है. 


रेलवे ने गैस रिसाव को किया खारिज


नॉर्दर्न रेलवे का गैर रिसाव की घटना के बारे में कहना है कि रेलवे वैगन कभी भी टॉक्सिक गैस ट्रांसपोर्ट नहीं करती है, जो हेल्थ हेजार्ड हो. यही नहीं, अभी तक कहीं से भी कोई गैस लीकेज की सूचना नहीं आई है. जिस समय यह घटना हुई है, उस दौरान ऐसी गैस सामग्री वाली कोई ट्रेन नहीं गुजरी है. रेलवे ने रेल वैगन से किसी भी प्रकार के गैस के रिसाव को खारिज किया है.


28 में से 23 को अस्पताल से छुट्टी


बता दें कि गैस लीकेज की घटना के बाद एमसीडी स्कूल के 28 बच्चे ​बीमार ​पड़ गए. एमसीडी की ओर से जारी सूचना के मुातबिक आचार्य भिक्षुक अस्पताल में भर्ती कराए गए सभी नौ छात्रों को छुट्टी दे दी गई है. आरएमएल में भर्ती 19 छात्रों में से 15 को पूर्वाह्न 11 बजकर 28 मिनट पर जबकि चार अन्य को अपराह्न तीन बजे लाया गया था. नगर निकाय ने कहा कि पूर्वाह्न 11 बजकर 28 मिनट तक अस्पताल में भर्ती कराए गए सभी छात्रों को छुट्टी दी जा रही है. एक छात्र को छुट्टी नहीं दी जा रही है, जिसे पेट से संबंधित पुरानी समस्या है. एमसीडी के बयान में कहा गया है, '14 छात्रों को छुट्टी दी जा रही है और पांच को निगरानी के लिए रखा गया है. छात्रों की देखभाल के लिए एक शिक्षक रातभर अस्पताल में रहेगा.'


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