PM Degree Controversy: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से पीएम की डिग्री को लेकर सियासत गरमाई हुई है. एक तरफ आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) लगातार बीजेपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की डिग्री दिखाने की मांग कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी बार-बार ये बयान दे रही है कि पीएम की डिग्री पब्लिक डोमेन में है तो फिर ये सवाल क्यों किए जा रहे हैं. इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच आप सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने बड़ा बयान दिया है, जिसने सारा कन्फ्यूजन ही दूर कर दिया है.
'1992 में आया फॉन्ट, 1993 की डिग्री में'
दरअसल, संजय सिंह ने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, 'चुनाव आयोग में अगर आप कुछ गलत जानकारी देते हैं तो उसके कारण आपकी सदस्यता रद्द हो सकती है. प्रधानमंत्री की पब्लिक डोमेन में मौजूद डिग्री को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 'मास्टर ऑफ आर्ट्स' जिस फॉन्ट में लिखा है वो फॉन्ट ही 1992 में आया है, लेकिन वे कहते हैं कि उन्होंने 1983 में अपनी डिग्री की है. उनकी डिग्री में यूनिवर्सिटी की स्पेलिंग गलत है. 1979 में बीए और 1983 में एमए कर लिया तो 2005 में उन्होंने भाषण क्यों दिया कि मैंने स्कूल से आगे की शिक्षा नहीं की. या तो उनकी डिग्री झूठी हैं या 2005 में दिया गया उनका भाषण झूठा है.'
'PM की डिग्री मांग ली तो जुर्माना क्यों लगा?'
संजय सिंह ने बीजेपी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, 'भ्रष्टाचार के मामले में सर से लेकर पांव तक बीजेपी की केंद्र सरकार डूबी हुई है. भारत के प्रधानमंत्री की डिग्री मांग ली गयी तो जुर्माना क्यों लगा? विदेशों में अडानी ने 38 फर्जी कंपनी खोली हैं, क्या उनके खिलाफ जेपीसी नहीं बैठनी चाहिए?' रामनवमी के दिन हुई हिंसा पर भी सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, 'रामनवमी के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की तस्वीर लेकर घूम रहे थे, ये किस विचारधारा के लोग हैं. जो लोग भी किसी हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.'
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