World Health Day 2022: हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) मनाया जाता है. पहली बार विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 1950 को मनाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की तरफ से लोगों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी. वहीं इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर डब्ल्यूएचओ ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर किस तरीके से लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ रहा है, इसको लेकर सबका ध्यान केंद्रित किया है.

 

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जिस तरीके से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, उसका सीधा असर मनुष्य के जीवन और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिसको लेकर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है. विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि पिछले कुछ सालों में दक्षिण पूर्व एशिया में जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. इसके साथ ही इसका असर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि वैश्विक स्तर पर साल 2030 से 2050 के बीच हर साल 2,50,000 मौतें जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकती हैं. जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पर्यावरण में भी कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने खुलासा किया है कि पर्यावरणीय कारणों से हर साल 13 मिलियन लोगों की जान जा रही है.

 

7 मिलियन लोगों की जान ले रहा है वायु प्रदूषण 

 

इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय कारणों के अलावा लगातार बढ़ता वायु प्रदूषण भी लोगों की जान के लिए खतरा बन रहा है. डब्ल्यूएचओ की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वायु प्रदूषण 7 मिलियन लोगों की जान ले रहा है, जिसमें से 24 लाख मौतें हर साल एसई एशिया में हो रही है. वहीं इस साल तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो संक्रामक रोगों के प्रसार का अहम कारण है. वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हीट स्ट्रोक और अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर के अलग-अलग अंगों पर असर पड़ रहा है और यह मौत के कारण भी बन रहे हैं.

 

डब्ल्यूएचओ ने शुरू किया 'हमारा ग्रह', 'हमारा स्वास्थ्य अभियान'

 

इन सभी चिंताओं को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने 'हमारा ग्रह', 'हमारा स्वास्थ्य' अभियान शुरू किया है. सभी से एक साथ आने की अपील की है और जल्द से जल्द जलवायु परिवर्तन पर्यावरण में हो रहे इन बदलावों को लेकर अलग होने को लेकर चेताया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मौजूदा समय में चल रही महामारी के कारण आई समस्याओं के खात्मे के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही इन समस्याओं को आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक न बनाया जाए, इसके लिए सभी को 'हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य' अभियान में शामिल होने की आवश्यकता है.

 

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