Delhi News: शीतलहर की शुरुआत के साथ दिल्ली के बेघर लोगों के लिए चुनौतियां काफी बढ़ जाती हैं. इसको लेकर दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों को बीते दिनों अलर्ट मोड पर कर दिया है. दिल्ली के 195 से अधिक रैन बसेरों में बेघरों के रहने, खाने और स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं को और भी दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है. इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर और आश्रय घरों को बढ़ाने की भी बात कही जा रही है. इन रैन बसेरों में 17000 से अधिक लोगों रहते हैं, जिनको ठंड के समय खाने-पीने पहनावे और ठंड से बचाव संबंधित सामानों की आवश्यकता होती है लेकिन इन रैन बसेरों में रात गुजारने वाले लोगों ने यहां की जो स्थिति बयां की उसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी.


गंदगी से पटा मिला पहाड़गंज का रैन बसेरा
रैन बसेरों की वर्तमान स्थिति और सरकार के दावों की हकीकत जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने ग्राउंड पर उतरकर पड़ताल की जहां रामकुमार मार्ग को पहाड़गंज स्थित एक रैन बसेरे पर लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां के हालात नर्क जैसे हो चुके हैं. खाने-पीने, दवा जैसी आवश्यक चीजें तो दूर यहां सफाई के लिए भी सरकार का कोई कर्मचारी नहीं आता. रैन बसेरे में मौजूद राजेश ने एबीपी लाइव पर बताया कि 6 महीने से अधिक समय से यहां सीवर की समस्या बनी हुई है लेकिन किसी ने अभी तक इसकी सुध नहीं ली. उन्होंने कहा कि इस रैन बसेरे में दर्जनों लोग रहते हैं जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. राजेश ने कहा कि गंदगी यहां की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है जिसके कारण यहां के लोग अनेकों बीमारियों से संक्रमित हो रहे हैं. 


महिला बोली- शिकायतों को कोई सुनने वाला नहीं
पहाड़गंज स्थित रैन बसेरे पर मौजूद महिला मीणा ने कहा कि अंदर हालात इतने बदतर हैं कि अब हम लोग रैन बसेरा छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं. महिला ने कहा कि हम सड़क पर रह लेंगे लेकिन यहां की गंदगी में रह पाना अब हमारे लिए काफी मुश्किल है. रैन बसेरे में मौजूद विजय ने कहा, "हमने इसकी शिकायत कई बार जनप्रतिनिधियों से की, चुनाव में उन्होंने कई वादे किए, वर्तमान एमसीडी चुनाव में भी कई लोग आए लेकिन सफाई और यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बारे में कभी भी ठोस कदम नहीं उठाया गया."


डिप्टी सीएम के निर्देशों का कब होगा पालन
वहीं, दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को बुनियादी सुविधाएं मिलना उसका हक है और हम इसके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. खास तौर पर ठंड में प्रत्येक व्यक्ति को रैन बसेरे में खाने, रहने, दवा और अन्य मूलभूत सुविधाएं मिलेंगीं. बीते दिनों डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. इसके अलावा उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से इन रैन बसेरों में हर एक सुविधा को बेहतर करने के लिए दिशा निर्देश भी दिए थे.  अब देखना होगा कि बदहाली में पड़े इन रैन बसेरों की सरकार की तरफ से कब सुध ली जाती है.


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