Delhi: धरना प्रदर्शन को लेकर 21 मई के बाद बड़ा फैसला ले सकते हैं पहलवान, पढ़ें पूरी खबर
Wrestlers Protest: WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन लगातार जारी है, पहलवानों ने सरकार को सिंह को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 21 मई तक का समय दिया है.
Delhi News: देश का मान बढ़ाने वाले पहलवानों का भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर धरना-प्रदर्शन पिछले 25 दिनों से जंतर-मंतर पर जारी है. वहीं आरोपी बृजभूषण के खिलाफ इस मामले में अभी तक केवल एफआईआर दर्ज हुई है जिसे लेकर पहलावनों और उनके समर्थकों में काफी रोष है और वो लगातार उनकी गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी पहलवानों को भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों और विभिन्न राजनीतिक दलों से तो समर्थन मिल ही रहा है, लेकिन अब देश की सबसे बड़ी खाप पंचायत के साथ-साथ देश भर के लोग भी उनके समर्थन में उतर आए हैं और यह प्रदर्शन अब आंदोलन का रूप लेने लगा है.
भीम आर्मी के चीफ आजाद ने दिया राष्ट्रीय आंदोलन बनाने का सुझाव
इसी कड़ी में सोमवार को भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी पहलावनों के समर्थन के लिए जंतर-मंतर पहुंच कर उनके साथ जुड़े. हालांकि अधिकारियों ने उन्हें रात में पहलवानों के साथ रुकने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद वो मंगलवार को फिर जंतर-मंतर पहुंच कर उनका समर्थन करते नजर आए. इस दौरान उन्होंने पहलावनों और उनके समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि 21 मई के बाद वो अपने इस आंदोलन को रामलीला मैदान में लेकर जाएं जहां इसे राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया जा सके. खाप पंचायतों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सरकार के लिए यही समय सीमा निर्धारित की है.
चंद्रशेखर के सुझाव पर साक्षी मलिक ने दी ये प्रतिक्रिया
प्रदर्शन को 'राष्ट्रीय आंदोलन" बनाने के भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, 'हम आपस में चर्चा करेंगे (रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन को लेकर) और जल्द ही इस बारे में फैसला करेंगे.' हालांकि साक्षी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पहलवान प्रदर्शन स्थल को पूरी तरह से रामलीला मैदान में स्थानांतरित करेंगे या जंतर-मंतर पर भी आंदोलन जारी रखेंगे.
आईओए ने WFI के अधिकारियों से राष्ट्रीय महासंघ का प्रभार लिया
बता दें कि ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तथा एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता विनेश फोगाट सहित भारत के शीर्ष पहलवान पिछले 25 दिनों से जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा गठित तदर्थ समिति ने WFI के अधिकारियों से राष्ट्रीय महासंघ का प्रभार ले लिया है, लेकिन पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
आजाद ने कहा, तहे दिल से आपके आंदोलन का करेंगे समर्थन
पहलवानों के समर्थन में आजाद ने अपने भाषण में कहा कि 'अगर आप लोग (पहलवान और उनके समर्थक) यहां (जंतर-मंतर पर) बैठे भी रहें तो इसका सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह आपका (पहलवानों) का आंदोलन है और हम तहे दिल से आपका समर्थन करेंगे और आपकी तरफ से कोई फैसला नहीं लेंगे लेकिन आपको 21 मई को निर्णय लेना होगा कि आप धरना स्थल पर बैठना चाहते हैं या इसे एक बड़ा आंदोलन बनाना चाहते हैं.'
सीपी में पहलवानों का पैदल मार्च, हनुमान मंदिर पहुंचकर लिया आशीर्वाद
पहलवानों ने अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने और बृजभूषण के हाथों कथित उत्पीड़न के बारे में उन्हें जागरूक करने के अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सोमवार को शाम 6 बजे कनॉट प्लेस में एक मार्च निकाला था और वो पैदल कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे थे, इस दौरान भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी उनके साथ पैदल मंदिर तक मार्च में शामिल हुए जहां उन्होंने अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए बजरंगबली का आशीर्वाद लिया. पुनिया ने पहले ही ट्वीट पर मंदिर जाने की जानकारी देते हुए ट्वीट किया था कि शाम जंतर-मंतर से पहलवान हनुमान जी का आर्शीवाद लेने प्रचीन हनुमान मंदिर सीपी जाएंगे. इससे पहले, पालम 360 गांव के पंचायतों ने पहलावनों के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला था.
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