Yamuna Cleaning: केजरीवाल सरकार 2025 तक दिल्ली में कैसे करेगी यमुना की सफाई? 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार
Yamuna Cleaning Plan: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने तीन प्रमुख बड़े नालों के गंदे पानी को पांच सूत्री उपायों से साफ करने की पहल की है. इसमें नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा नाला शामिल है.
![Yamuna Cleaning: केजरीवाल सरकार 2025 तक दिल्ली में कैसे करेगी यमुना की सफाई? 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार Yamuna Cleaning Target 2025 five point action plan Of Delhi Arvind Kejriwal Government ANN Yamuna Cleaning: केजरीवाल सरकार 2025 तक दिल्ली में कैसे करेगी यमुना की सफाई? 5 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/09/31f3618da2b73e7088a96c3976fe3be11681051224263367_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Saurabh Bharadwaj On Yamuna Cleaning: दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने यमुना की सफाई के लिए 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दौरान बड़े पैमाने पर यमुना की सफाई के लिए आवश्यक उपायों को अपनाए जाएंगे. इसके लिए सबसे पहले यमुना में गिरने वाले तीन बड़े नालों और इसके सहायक नदियों की सफाई की जाएगी. इससे यमुना में पहुंचने वाली गंदगियों को कम से कम किया जा सके और नदी को स्वच्छ बनाया जा सके.
सरकार ने तीन प्रमुख बड़े नालों के गंदे पानी को पांच सूत्री उपायों से साफ करने की पहल की है. इसमें नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा नाला शामिल है. इन नालों पर गंदे पानी के शोधन के लिए अलग-अलग जगहों पर जोन बनाए जाएंगे. इन सभी जोन के पास नालों में अस्थाई छोटे बांध, फ्लोटिंग बूम, एयरेशन उपकरण और बांस के बने फ्लोटिंग वेटलैंड बनाए जाएंगे. इससे नालों का गंदा पानी साफ होगा. इसके अलावा नालों के गंदे पानी में फॉस्फेट को कम करने के लिए रसायन मिलाया जाएगा.
2025 तक यमुना की सफाई के लिए पांच सूत्री उपाय
दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस पांच सूत्री एक्शन प्लान के बारे में कहा कि सरकार ने यमुना को साल 2025 तक साफ करने का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में तीन प्रमुख नालों की सफाई के लिए पांच सूत्री एक्शन प्लान तैयार किया गया है, ताकि बेकार पानी शोधन के बाद ही यमुना में पहुंच सके. यमुना में सबसे ज्यादा प्रदूषण नजफगढ़, सप्लीमेंट्री ड्रेन और शाहदरा ड्रेन से होता है. इस वजह से यमुना की सफाई के लिए इन तीनों नालों के गंदे पानी को शोधित करना जरूरी है.
इन 5 उपायों से नालों के पानी को किया जाएगा साफ
- नालों में अलग-अलग जगहों पर प्लास्टिक के फ्लोटिंग बूम लगाए जाएंगे, ताकि पानी के साथ बहकर आने वाले प्लास्टिक के कचरे को रोक कर निकाला जा सके. इसके अलावा इन सीटू शोधन तकनीक से नाले के पानी को साफ किया जाएगा.
- नालों में जगह-जगह छोटे बांध बनाए जाने से उसके अवरोध से पानी में मौजूद सूक्ष्म कण धीरे-धीरे जमीन की सतह पर बैठ जाएंगे और साफ पानी के बांध के ऊपर से आगे बहेगा.
- नालों के पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए उपकरण लगाए जाएंगे. इसके माध्यम से कृत्रिम तरीके से नालों के पानी में आक्सीजन का स्तर बढ़ाया जाएगा. पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ने से उसकी गुणवत्ता बेहतर होगी.
- नालों में फ्लोटिंग बांस और खास तरह के पौधे का वेटलैंड बनाए जाएंगे, जो पानी में मौजूद प्रदूषक कण को सोख लेते हैं.
- यमुना में प्रदूषण का एक कारण गंदे पानी के साथ पहुंचने वाला फास्फेट है. इससे यमुना में झाग बनता है. इसके कम करने के लिए नालों के पानी में खास तरह का रसायन मिलाया जाएगा, जो फास्फेट को कम करता है.
'सभी प्रमुख नालों में जल प्रदूषण होगा कम'
जल मंत्री ने कहा कि नई तकनीकों का इस्तेमाल कर जल्दी ही यमुना में गिरने वाले नालों की गंदगी को साफ कर पाएंगे. तकनीकों के इंप्लीमेंटेशन के बाद नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा ड्रेन जैसे सभी प्रमुख नालों में जल प्रदूषण कम होगा. वहीं सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यमुना की सफाई की योजना के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिन नालों पर बांध बनाए गए हैं, उनमें रिठाला, एसटीपी, रोहिणी सेक्टर 11 के पास बने बांध, रोहिणी सेक्टर-16 और रोहिणी सेक्टर-15 में बने बांध से पिछले साल सैंपल एकत्रित किए गए थे. इसमें नालों के पानी में प्रदूषक तत्वों में कमी आने का पता चला.
दिल्ली के बड़े क्षेत्र को मिलेगा लाभ
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रिठाला से रोहिणी सेक्टर-15 के बीच नाले के पानी में घुलनशील ठोस पदार्थ का स्तर 166 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर केवल 49 मिलीग्राम प्रति लीटर रह गया. अमोनिया का स्तर 26 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 18 मिलीग्राम प्रति लीटर रह गया. प्रत्येक बांध से गुजरने के बाद गंदे पानी में बीओडी (बायोलॉजिकल आक्सीजन डिमांड) का स्तर भी कम हुआ. इसके बाद तीनों प्रमुख नालों के पानी की सफाई के लिए इस तकनीक के इस्तेमाल करने की पहल की गई है. इसके तहत तीनों नालों को स्वच्छ जल स्रोत में तब्दील किया जाएगा. इन नालों का गंदा पानी साफ होते ही यमुना अपने आप साफ होने लगेगी. इससे एक दिल्ली के बड़े क्षेत्र को लाभ मिलेगा.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)