क्या है युवराज सिंह और बिल्डर के बीच का विवाद? HC ने की है मध्यस्थ की नियुक्ति
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने युवराज सिंह और ब्रिलियंट एटोइल के बीच विवाद को सुलझाने के मुकेश गुप्ता को मध्यस्थ नियुक्त किया है. मध्यस्थता दिल्ली इंटरनेशनल आरबिट्रेशन सेंटर के नियमों के अनुसार होगी.
Yuvraj Singh News: युवराज सिंह और रियल एस्टेट फर्म ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड के बीच में विवाद सुलझाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने दोनों के बीच मध्यस्थता बनाने के लिए मीडिएटर नियुक्त किया है. जस्टिस सी हरि शंकर के आदेश पर एडवोकेट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश गुप्ता ये जिम्मेदारी संभालेंगे.
गुरुवार 8 अगस्त को जस्टिस ने आदेश दिया दिल्ली इंटरनेशनल आरबिट्रेशन सेंटर (DIAC) के तत्वावधान में यह मध्यस्थता होगी और इसके सभी नियमों का पालन किया जाएगा. विद्वान मध्यस्थ डीआईएसी द्वारा बनाए गए शुल्क की अनुसूची के अनुसार शुल्क के हकदार होंगे.
युवराज सिंह ने दायर की थी याचिका
दरअसल, पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. रियल एस्टेट कंपनी से उन्होंने जो फ्लैट बुक किया था, वह तय समय गुजरने के बाद भी डिलीवर नहीं किया गया है.
साल 2021 में युवराज सिंह ने हौज खास में एक फ्लैट की बुकिंग कराई थी. उस समय फ्लैट की कीमत 14 करोड़ 10 लाख रुपये बताई गई थी. नवंबर 2023 में उन्हें पोजेशन लेटर मिला लेकिन जब जांच की गई तो फ्लैट की क्वॉलिटी बेहद खराब थी. पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि बिल्डर ने सामान की क्वॉलिटी में समझौता किया और फिटिंग्स, लाइटिंग और फिनिशिंग का काम खराब किया.
इतना ही नहीं, युवराज सिंह ने अपनी ब्रांड वैल्यू के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि समझौते की अवधि से परे उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उपयोग करके एमओयू की शर्तों का उल्लंघन किया गया. एमओयू के मुताबिक, नवंबर 2023 के बाद प्रोजेक्ट की एडवरटाइजिंग के लिए युवराज सिंह के व्यक्तित्व का उपयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन बिल्डर ने फिर भी ऐसा किया.
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