भारत के विवादित मुस्लिम उपदेशक जाकिर नाईक ने एक यूट्यूब वीडियो में हाल ही में भारत के आंतरिक मामलों पर बेहद विवादित और खतरनाक टिप्पणी की है. जाकिर इस वीडियो में कहते हैं कि भारत में 60 प्रतिशत से कम हिंदू हैं, जबकि बाकी मुसलमान है. ऐसे में सभी मुसलमानों को एकजुट हो जाना चाहिए और अपने नेताओं और पार्टी को जीताना चाहिए. लेकिन जाकिर इस बयान की देवबंद के उलेमाओं ने निंदा की है.


जाकिर नाईक वीडियो में अपने उपदेश के दौरान भारत के मुसलमानों से एक एकल राजनीतिक दल के पीछे एकजुट होने का आग्रह किया और सुझाव दिया कि यदि वे अपने दैनिक अनुष्ठान करने में असमर्थ हैं तो उन्हें 'हिजरत' (प्रवास) करना चाहिए. जाकिर नाइक के इस बयान की देवबंद के उलेमा व 'तंजीम इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द' के उपाध्यक्ष मुफ़्ती असद कासमी ने कठोर शब्दो मे निंदा की है.


हिंदुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश


मुफ्ती असद कासमी का कहना है जाकिर नाइक एक इस्लामिक स्कॉलर हैं उन्हें सिर्फ ऐसी बातें करनी चाहिए जो आपसी भाईचारा पैदा करे. जाकिर नाइक को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जो माहौल खराब करे हिन्दुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां हर मजहब का इंसान प्रेम से रहता है.


माहौल बिगाड़ने वाली बातें ना करें जाकिर


मुफ्ती असद कासमी ने कहा,"जाकिर नाईक के इस बयान की हम कड़ी निंदा करते हैं. साथ-साथ हम ये भी बताना चाहता हूं कि हमारा मुल्क एक सेक्युलर मुल्क है और सेक्युलर मुल्क में धर्म और ईमान को मानने वाले प्यार और मोहब्बत के साथ रहते हैं. जाकिर नाईक एक स्कॉलर हैं और उनके लाखों फॉलोवर्स हैं, तो उन्हें प्यार और मोहब्ब वाली बातें करनी चाहिए. ऐसी बातें ना करें जिससे देश का माहौल और भाईचारा खराब हो."


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