पटना: कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में फरार चल रहे आरोपी विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस दिन रात अभियान चला रही है. वहीं, विकास दुबे के बिहार के रास्ते नेपाल भागने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. इस संबंध में जब बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि अगर विकास बिहार की सीमा लांघता है, तो उसका बचना असंभव है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा, “विकास दुबे बिहार में आ जाएगा, यहां से सुरक्षित चला जाएगा और बिहार पुलिस देखती रह जाएगी क्या?” उन्होंने कहा कि नेपाल बॉर्डर पर सबको अलर्ट किया गया है. बिहार पुलिस के जितने भी लोग बॉर्डर के सातों जिले में हैं, उनको अलर्ट किया गया है. एसटीएफ को भी अलर्ट किया गया है. एक-एक चीज पर हमारी निगरानी है. जिस दिन भी विकास दुबे बिहार में घुसने की हिम्मत करेगा उसको पता चलेगा कि बिहार की पुलिस क्या है और बिहार की एसटीएफ क्या है.
डीजीपी ने कहा कि बिहार और नेपाल का जो बॉर्डर है, वहां आम आदमी आते-जाते रहते हैं, लेकिन जब इस तरह का कोई आदमी आता है तो उसके लिंक होते हैं या कनेक्शन होता है. ऐसे में उसके जितने भी पॉसिबल लिंक या कनेक्शन हैं, सभी को वॉच किया जा रहा है. वह जैसे ही घुसने कि कोशिश करेगा हमें पता चल जाएगा. वहीं, यूपी पुलिस से संपर्क के संबंध में उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस से हमेशा बिहार पुलिस संपर्क में रहती है. यूपी पुलिस भी हमारा सहयोग करती है.
डीजीपी ने कहा कि यह यूपी पुलिस और बिहार पुलिस का मामला ही नहीं है. एक पेशेवर अपराधी का मामला है जिसने निर्दोष आठ पुलिसवालों को मारा है. हमारी चालीस लोगों की एसटीएफ की टीम डीएसपी के नेतृत्व में यूपी बॉर्डर पर कैंप कर रही है. एक टुकड़ी गोरखपुर में यूपी पुलिस के साथ है. सारे सिस्टम को एक्टिवेट किया गया है. ऐसे अपराधियों के प्रति हमारी कोई हमदर्दी नहीं है. अगर विकास दुबे बिहार में प्रवेश करेगा तो उसको इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा.
वहीं इस पूरे मामले को जातीय रंग देने के संबंध में उन्होंने कहा कि मैंने देखा कि एक आदमी ने अपने फेसबुक पर लिखा था कि वह ब्राह्मणों का शेर है. ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए, मुझे घिन आती है कि पेशेवर अपराधियों को आप अपनी जाति का हीरो बनाते हैं. अगर हर जाति के लोग अपनी-अपनी जाति के पेशेवर अपराधियों को हीरो बनाने लगे तो समाज कहां जाएगा. फिर तो किसी दिन कोई अपराधी लाल किला पर जा कर तिरंगा फहराएगा. शर्म कि बात है कि इसको जातीय रंग दिया जा रहा है.
डीजीपी ने कहा कि अपराध की संस्कृति इसी को कहते है. अपराध रोकना सिर्फ पुलिस का काम नहीं है. इसके लिए समाज के लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. जो अपराधी हैं, उसको शेर ना बनाएं, हीरो ना बनाएं, उनका सम्मान ना करें. अगर ऐसा करेंगे तो अपराध की संस्कृति बढ़ेगी. हमारे जो आठ आदमी मारे गए यूपी में वे शहीद हैं और वे सब शेर थे, जो कानून की हिफाजत के लिए शहीद हो गए.
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