अपना देश परंपराओं और संस्कृति के मामले में निराला है, इसमें कोई शक नहीं. दुनिया के कोने-कोने तक जहां हमारी संस्कृति और संस्कार की धूम है वहीं यहां होने वाले बहुत से रीति-रिवाज अक्सर लोगों को अचंभित कर देते हैं. जैसे इस बात को ही ले लें. हमारे देश में हिमाचल के पास कुछ ऐसे एरिया हैं जहां दिवाली तय तारीख से एक महीने बाद मनायी जाती है.


इस समय जहां पूरा देश दिवाली की रौनक से भरा है वहीं देश का एक हिस्सा ऐसा भी है जो अपनी परंपरा का पालन करते हुए दिवाली सेलिब्रेशन से दूर है. यहां पर दिवाली एक महीने बाद मनाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश में सिरमौर के गिरिपार, शिमला के कुछ गांव और कुल्लू के निरमंड में दिवाली का जश्न एक महीने बाद होगा.


इस तारीख को मनेगी दिवाली –


हिमाचल के इन इलाकों में अगले महीने की 14 तारीख यानी 14 दिसंबर को दिवाली पर्व मनाया जाएगा. इसे बूढ़ी दिवाली भी कहते हैं. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है और ये यहां की पुरानी परंपराओं का हिस्सा है जिसके तहत इन क्षेत्रों के लोग एक महीने बाद ही दिवाली सेलिब्रेशन करते हैं.


इस दौरान यहां मेले का आयोजन होता है. यही नहीं बूढ़ी दिवाली के मौके पर यहां के लोग स्थानीय लोक-गीत और नृत्य के कार्यक्रम करते हैं. इसमें मुख्य रूप से परोकड़िया गीत, विरह गीत, भयूरी स्वांग आदि शामिल है.


क्यों मनती है देर से दिवाली –


इस क्षेत्र में देर से दिवाली मनने के पीछे एक मान्यता है. बताते हैं कि यहां पर भगवान राम के वन से वापस आने की खबर एक महीने बाद पहुंची थी, इसलिए ये लोग एक महीने बाद दिवाली का त्योहार मनाते हैं. इस दौरान यहां मेवे, शाकुल और चिवड़ा खिलाकर बधाई दी जाती है.


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