Exclusive: बीजेपी कार्यकर्ताओं का 'दिल जीतने' के लिए सासाराम में जेडीयू उम्मीदवार का '370 कार्ड'
सीट का समीकरण अशोक कुमार के पक्ष में ही है लेकिन एलजेपी के कारण यदि एनडीए के वोटों में बंटवारा हुआ तो आरजेडी की लॉटरी लग सकती है.
![Exclusive: बीजेपी कार्यकर्ताओं का 'दिल जीतने' के लिए सासाराम में जेडीयू उम्मीदवार का '370 कार्ड' Exclusive: JDU candidate's '370 card' in Sasaram to 'win hearts' of BJP workers ANN Exclusive: बीजेपी कार्यकर्ताओं का 'दिल जीतने' के लिए सासाराम में जेडीयू उम्मीदवार का '370 कार्ड'](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/10/14225925/sasaram.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बिहार चुनाव: सासाराम विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे जेडीयू उम्मीदवार अशोक कुमार बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए धर्म और अनुच्छेद 370 का सहारा ले रहे हैं. दरअसल, इस सीट से बीजेपी से निष्कासित नेता रामेश्वर चौरसिया एलजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं आरजेडी के राजेश गुप्ता भी मैदान में है. अशोक कुमार की जीत बीजेपी वोटरों पर टिकी हुई है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए सासाराम के एक शिव मंदिर में अशोक कुमार ने बुधवार को एक बैठक की जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की खूब तारीफ की. भगवा गमछा पहने अशोक कुमार ने यह भी कहा कि बतौर विधायक उन्होंने कई मंदिरों में काम करवाया है.
बिडंबना यह है कि अशोक कुमार की पार्टी जेडीयू 370 हटाए जाने के खिलाफ है. इसके बारे में पूछे जाने पर अशोक कुमार बगले झांकने लगे और बचाव में कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, पार्टी का स्टैंड बड़े नेता तय करते हैं.
अशोक कुमार पिछली बार आरजेडी से विधायक बने थे
एक अहम बात यह भी है कि धार्मिक स्थल पर चुनावी बैठक चुनाव करना आचार संहिता का उल्लंघन है. इसकी काट में आयोजकों की तरफ से तर्क दिया गया कि बैठक मंदिर की चारदीवारी को लेकर बैठक बुलाई गई थी. हालांकि सच्चाई यह है कि मंदिर की चारदीवारी के नाम पर राजनीतिक बैठक हुई. इसका अंदाजा आयोजकों को था इसलिए एबीपी न्यूज की टीम को कवरेज से रोकने का आग्रह भी किया गया. मन्दिर में बैठक की बात इसलिए भी हैरान करती है क्योंकि इस जगह से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही बीजेपी का जिला कार्यालय है.
आपको बता दें कि एनडीए की तरफ से जेडीयू उम्मीदवार अशोक कुमार पिछली बार आरजेडी से विधायक बने थे. कुछ महीनों पहले उन्होंने जेडीयू का दामन थामा था. उनके सामने आरजेडी उम्मीदवार के अलावा एलजेपी की टिकट पर बीजेपी के बागी रामेश्वर चौरसिया की चुनौती है. हालांकि सीट का समीकरण अशोक कुमार के पक्ष में ही है लेकिन एलजेपी के कारण यदि एनडीए के वोटों में बंटवारा हुआ तो आरजेडी की लॉटरी लग सकती है.
यह भी पढ़ें-
'बिहार में का बा' पर छिड़ा सियासी वार, भाजपा बोले विकास, राजद कहे विनाश... जानें पूरा मामला
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)