मुंबई: दूध के दामों में बढ़ोतरी को लेकर दूध कारोबार से जुड़े किसान लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं. लेकिन अपनी मांगे अनसुनी होने के कारण अब किसान आंदोलन पर उतर आए हैं. जिसके चलते उन्होंने एक अगस्त को राज्यव्यापी तीव्र आंदोलन करने का एलान किया है.
ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी अजित नवाले ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए अपनी सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की. अजित ने 1अगस्त को किसान सभा और दूध उत्पादक संघर्ष समिति द्वारा पूरे महाराष्ट्र में तीव्र आंदोलन करने की जानकारी दी.
अजित नवाले का कहना है कि लंबे समय से हम अपने अधिकारों के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं. कुछ दिन पहले किसानों ने पूरे महाराष्ट्र में दूध रास्ते मे फेंक कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. हमारी मांग है कि किसान भाइयों को 30 रुपए की कीमत में दूध मील जिसमें सरकार उन्हें 10 रुपए का अनुदान दे और यह रकम सीधे उनके खाते में जमा हो.
दूध किसानों की क्या है मांग
अजित का कहना है कि राज्य सरकार को सभी दूध उत्पादकों को 10 रुपये प्रति लीटर की सीधी सब्सिडी देनी चाहिए, ताकि उन्हें लॉकडाउन से पहले 30 रुपये प्रति लीटर की कीमत मिल सके. किसानों को जो मूल्य अब मिल रहा है वह 17 रुपये तक गिर गया है. इस बीच, उपभोक्ताओं को 48 रुपये प्रति लीटर दूध बेचा जा रहा है.
केंद्रीय सरकार को तुरंत उस देश में जेनेरिक दवाओं के निर्यात के बदले में संयुक्त राज्य अमेरिका से दूध और दूध उत्पादों के आयात के अपने फैसले को रद्द करना होगा.देश के गोदामों में पड़े दूध पाउडर के बड़े स्टॉक के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम की निर्यात सब्सिडी दी जानी चाहिए.
पहले राज्य सरकार द्वारा प्रति दिन 10 लाख लीटर दूध खरीदने की घोषणा की गई थी, जो केवल 24 प्रतिशत दूध कंपनियों तक सीमित थी और इस तरह किसानों को लाभान्वित करने में विफल रही.
इसलिए हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार दूध खरीदने या दूध देने वाली कंपनियों को सब्सिडी देने के बजाय सभी दूध उत्पादक किसानों के बैंक खातों में 10 रुपये प्रति लीटर की सीधी सब्सिडी ट्रांसफर करें.
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