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Farmer Protest: किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं हरियाणा के किसान संगठन, आज करनाल में है अहम बैठक
हरियाणा के करनाल में आज किसान नेताओं ने बैठक बुलाई है. इस बैठक में किसान आंदोलन के 1 साल पूरा होने के लेकर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं. इससे पहले कल जींद में किसान संगठनों की बैठक हुई थी.
![Farmer Protest: किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं हरियाणा के किसान संगठन, आज करनाल में है अहम बैठक Farmers' organizations of Haryana can take a big decision regarding the farmers' movement, today an important meeting is held in Karna Farmer Protest: किसान आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं हरियाणा के किसान संगठन, आज करनाल में है अहम बैठक](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/10/6c20bea9261edfb61666fc0f9ff06a94_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा. ऐसे में किसान संगठनों द्वारा 18 नवंबर यानी आज कोई बड़ा फैसला लिए जाने की उम्मीद है.
करनाल में होगी आज किसान संगठनों की बैठक
दरअसल हरियाणा के किसान नेताओं ने आज हरियाणा के करनाल में बैठक बुलाई है जिसमें आंदोलन को लेकर दिल्ली कूच, संसद का घेराव या आर-पार की लड़ाई संबंधी फैसले लिए जा सकते हैं. बीते सोमवार को इसी सिलसिले में किसान नेताओं की लंबी बैठक भी हुई थी हालांकि उस बैठक में किसान नेताओं के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आज होने वाली बैठक में किसान आंदोलन से जुड़े अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
हरियाणा के जींद में भी कल हुई बैठक में लिए गए अहम फैसले
वहीं कल हरियाणा के जींद में भी किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बैठक का आयोजन किया था. इस दौरान आंदोलन के एक साल पूरा होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को और ज्यादा मजबूत करने और विस्तार देने के लिए प्रदेशभर में पैदल मार्च, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से यात्रा निकालने का फैसला किया है. मोर्चा के एक पदाधिकारी के अनुसार सम्मेलन में गांव स्तर पर संयुक्त मोर्चा की कमेटियों गठित करने का निर्णय लिया गया. वहीं 19 नवंबर को छोटूराम जयंती को किसान-मजदूर संघर्ष दिवस मनाने का भी फैसला लिया गया. किसान आंदोलन के 26 नवंबर को 1 साल पूरा होने के मद्देनजर सभी बॉर्डर पर संख्या बढ़ाने व 29 नवंबर को 500 किसानों के जत्थे के संसद कूच करने का भी फैसला लिया गया.
इसके साथ ही जींद में हुई बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होते और सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं देती तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा.
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