National Family Health Survey-5: प्रजनन दर के मामले में बिहार पहले नंबर पर, टॉप- 5 में शामिल हैं ये राज्य
5 सबसे अधिक प्रजनन दर वाले राज्यों को देखें तो बिहार पहले नंबर पर है और यहां प्रजनन दर 3 है. हालांकि यहां भी कमी आई है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार राज्य में प्रजनन दर 3.4 था.
National Family Health Survey-5: देश में बढ़ती आबादी को देखते हुए आए दिन जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग होती रहती है. लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 के मुताबिक देश में प्रजनन दर में कमी आई है. बुधवार को जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS) के अनुसार भारत की कुल प्रजनन दर 2.2 से घटकर 2 प्रतिशत हो गई है. वहीं शहरों में प्रजनन दर 1.6 रह गई है, जबकि गांवों में यह 2.1 प्रतिशत है. अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले कुछ सालों में देश की जनसंख्या में गिरावट देखने को मिल सकती है. हालांकि कुछ राज्य अभी भी ऐसे हैं, जहां प्रजनन दर ज्यादा है. उनमें हिंदी भाषी राज्यों की संख्या अधिक है. अगर 5 सबसे अधिक प्रजनन दर वाले राज्यों को देखें तो बिहार पहले नंबर पर है और यहां प्रजनन दर 3 है. हालांकि यहां भी कमी आई है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार पहले राज्य में प्रजनन दर 3.4 था. इसके बाद मेघालय में 2.9, यूपी में 2.4, झारखंड 2.3 और मणिपुर में 2.2 है. हालांकि इन सभी राज्यों में भी कमी आई है. लेकिन दूसरे राज्यों की तुलना में यहां प्रजनन दर ज्यादा है. यानी के अधिक प्रजनन दर वालों राज्यों में 3 राज्य हिंदी भाषी है, जिसमें बिहार, यूपी और झारखंड शामिल है. दूसरी तरफ बहुआयामी गरीबी सूचकांक में भी बिहार पहले नंबर पर है जबकि झारखंड दूसरे नंबर पर और यूपी तीसरे पर है.
कम प्रजनन दर के मामले में पंजाब पहले नंबर पर
सबसे कम प्रजनन दर की बात करें तो पंजाब पहले नंबर पर है, जहां प्रजनन दर 1.6 है. 1.6 के साथ ही पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश 1.7 प्रजनन दर के साथ, तीसरे , चौथे और पांचवें नंबर पर है. यानी दक्षिण भारत के दो राज्य सबसे कम प्रजनन दर में शामिल है.
यही नहीं सर्वेक्षण में पाया गया है कि समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर अखिल भारतीय स्तर पर और पंजाब को छोड़कर लगभग सभी चरण 2 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 54 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई है. लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भ निरोधकों के आधुनिक तरीकों का उपयोग भी बढ़ा है. NFHS-5 का पहला चरण 17 जून 2019 से 30 जनवरी 2020 के बीच किया गया था और दूसरा चरण 2 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक चला था. फेज-1 में 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टारगेट किया गया था और दूसरे चरण में 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश शामिल थे.
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