प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में एक ही परिवार के 4 लोगों को बेरहमी से कत्ल किए जाने के मामले में 6 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अभी तक न तो किसी संदिग्ध को पकड़ सकी है और न ही कत्ल की वजह तलाश सकी है. पुलिस ने अब अपना सारा फोकस हाइवे से लेकर शहरी इलाकों में घूमने वाले बंजारों और दूसरी घुमंतू जातियों पर कर दिया है. पुलिस न सिर्फ इन बंजारों के बीच कत्ल का क्लू तलाश करने की कोशिश में है, बल्कि अब रेंज के सभी जिलों में आने वाले बंजारों का वेरिफिकेशन कर उनका चार्ट तैयार किए जाने की भी तैयारी है.


बंजारों के वेरिफिकेशन के लिए आईजी केपी सिंह ने रेंज के चारों जिलों में बुधवार से से 3 दिन का विशेष अभियान चलाए जाने का आदेश दिया है. इस अभियान को ऑपरेशन बंजारा का नाम दिया गया है. इसके लिए सभी थानों को जरूरी हिदायत दे दी गई है. पुलिस को आशंका है कि सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिए जाने वाले प्रयागराज के सामूहिक हत्याकांडों में कोई साइको सीरियल किलर हो सकता है. हालांकि, जिस तरह से पूरे परिवार को मारने की कई घटनाएं सामने आईं हैं, उसे लेकर कहा जा सकता है कि ये वारदातें अकेले अंजाम नहीं दी जा सकती हैं. यानी घटनाओं को अंजाम देने में कई लोग शामिल रहते होंगे.


गौरतलब है कि, प्रयागराज के होलागढ़ इलाके के देवापुर गांव में 3 जुलाई की सुबह एक ही परिवार के चार लोगों की उनके ही घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. परिवार की एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. घर पर ही क्लीनिक चलाने वाले विमलेश पांडेय, इकलौते बेटे प्रिंस, दो बेटियों सृष्टि और श्रेया को धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतारा गया था. विमलेश की पत्नी रचना पांडेय गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अब भी वेंटिलेटर पर रखा गया है. विमलेश और उनके परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं थी. उनके भाई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कराई थी. वारदात के बाद घर में रखा सामान बिखरा पड़ा था.


मामले में पुलिस ने कई एंगल पर छानबीन की. पहले यह आशंका जताई गई कि यह वारदात लूट या फिर दुष्कर्म की वजह से अंजाम दी गई. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घर की तलाशी के बाद यह दोनों थ्योरी फेल हो गईं. पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया, उनसे पूछताछ की, लेकिन 6 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अब तक सिर्फ हवा में ही हाथ पैर मार सकी है. पुलिस इस मामले की जांच में एसटीएफ की भी मदद ले रही है. घटना के अगले दिन से इसी गांव में रहने वाला एक होमगार्ड रहस्यमय तरीके से लापता है. उसकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.


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